मोमबत्ती बैंगन के बाद मम्मी लंड पर आ गई

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चुदाई माँ की एडल्ट स्टोरीज मेरा नाम फैजान है और मेरी उमर 20 साल है है. मेरी एक छोटी बहन अमीना है. वो अभी २१ साल है और कॉलेज मैं है. माँ अब 40 की हैं. माँ स्कूल मैं टीचर हैं और मैं यूनिवर्सिटी मैं हूँ. हमलोग पेशावर से है. पापा का 2 साल पहले इंतेक़ाल हो गया था. अब घर मैं सिर्फ़ हम तीन लोग ही हैं. यह अब से 6 महीने पहले हुवा था. pakistani chudai ki kahani









एक रात मम्मी बहुत उदास लग रही थी. मैं समझ गया पापा को याद कर रही हैं. मैने उनको बहलाया और खुश करने की कोशिश की. मम्मी मेरे गले लग रोने लगी. तब मैने कहा, “मम्मी हम दोनो आपको बहुत प्यार करते हैं, हमलोग मिलकर पापा की कमी महसूस नही होने देंगे.”

अमीना भी वहाँ आ गयी थी, वो भी मम्मी से बोली, “हन मम्मी प्लीज़ आप दिल छ्होटा ना करिए. भाईजान हैं ना हम दोनो की देखभाल के लिए. भाईजान हमलोगो का कितना ख़याल रखते हैं. “हन बेटी पर कुच्छ ख्याल सिर्फ़ तेरे पापा ही रख सकते थे.” “नही मम्मी आप भाईजान से कह कर तो देखिए.”

खैर फिर बात धीरे धीरे नॉर्मल हो गया. उसी रात अमीना अपने रूम मैं थी.मैं रात को टाय्लेट के लिए उठा तू टाय्लेट जाते हुवे मम्मी के रूम से कुच्छ आवाज़ आई. 12 बाज चुके थे और मम्मी अभी तक जाग रही हैं, यह सोचकर उनके रूम की तरफ गया. मम्मी के रूम का दरवाज़ा खुला था. मैं खोलकर अंदर गया तू चौंक गया.

मम्मी अपनी शलवार उतरे अपनी चूत मैं एक मोमबत्ती दल रही थी. दरवाज़े के खुलने की आवाज़ पर उन्होने मुड़कर देखा. मुझे देख वा घबरा सी गयी. मैं भी शर्मा गया की बिना नॉक किए आ गया. मैं वापस मुड़ा तू मम्मी ने कहा, “बेटा फैजान प्लीज़ किसी से कहना नही.” “नही मम्मी मैं किससे कहूँगा?” “Pakistani Sex Stories”

“बेटा जब से तेरे पापा इस दुनिया से गये है तब से आज टक्क मैं..” “श मम्मी मैं भी अब समझता हूँ. यह आपकी जरुरत है पर क्या करूँ अब पापा तू हैं नही.” फिर मैं मम्मी के पास गया और उनके हाथो को पाकर बोला, “मम्मी दरवाज़ा बंद कर लिया करिए.” “बेटा आज भूल गयी.” फिर मैं वापस आ गया.

अगले दिन सब नॉर्मल रहा. शाम को मैं वापस आया तू हमलोगो ने साथ ही छाई पी. छाई के बाद अमीना बोली, “भाईजान बेज़ार से रात के लिए सब्ज़ी ले आओ जो खाना हा.” मैं जाने लगा तू मम्मी ने कहा, “बेटा किचन मैं आओ तू कुच्छ और समान बता दे लेते आना.” मैं किचन मैं जा बोला, “क्या लाना है मम्मी?”

मम्मी ने बाहर झाँका और अमीना को देखते धीरे से बोली, “बेटा 5- 6 बैगन लेते आना लंबे वाले.” मैं मम्मी की बात सुन पता नही कैसे बोल पड़ा, “मम्मी अंदर करने के लिए?” मम्मी शर्मा गयी और मैं भी अपनी इस बात पर झेंप गया और सॉरी बोलता बहा चला गया. सब्ज़ी लाकर अमीना को दी और 4 बैगन लाया था जिनको अपने पास रख लिया.

अमीना ने खाना बनाया फिर रात को खा पीकर सब लोग सोने चले गये. तब करीब 11 बजे मम्मी मेरे रूम मैं आ बोली, “बेटा बैगान लाए थे?””हन मम्मी पर बहुत लंबे नही मिले और मोटे भी कम है.कोई बात नही बेटे अब जो है सही है.” ”बहुत ढूँढा मम्मी पर कोई भी मुझसे लंबे नही मिले.” ”क्या मतलब बेटा.” मैं बोला, “मम्मी मतलब यह की इनसे लंबा और मोटा तू मेरा है.” 



तब मम्मी ने कुच्छ सोचा फिर कहा, “क्या करें बेटा अब तू जो किस्मत मैं है वहि सही.” फिर मेरी पंत के उभार को देखते बोली, “बेटा तेरा क्या बहुत बड़ा है?””हन मम्मी 8 इंच है.””श बेटा तेरे पापा का भी इतना ही था. बेटा अपना दिखा दो तू तेरे पापा की याद ताज़ी हो जाए.””लेकिन मम्मी मैं तू आपका बेटा हूँ.” “Pakistani Sex”

”हन बेटा तभी तू कह रही हूँ. तू मेरा बेटा है और अपनी मान से क्या शरम.तू एकदम अपने पापा पा गया हा. देखूं तेरा वा भी तेरे पापा के जैसा है यानही?”तब मैने अपनी पंत उतेरी और अंडरवेर उतारा तू मेरे लंबे तगड़े लंड को देख मम्मी एकदम से खुश होगआई.

वो मेरे लंड को देख नीचे बैठी और मेरा लंड पकड़ लिया और बोली, “हाए फैजान बेटा तेरे पापा का भी एकदम ऐसा ही था. हाए बेटा यह तू मुझे टर पापा का ही लग रहा है. बेटा क्या मैं इसे तोड़ा सा प्यार कर लून?” “मम्मी अगर आपको इससे पापा की याद आती है और आपको अच्छा लगे तू कर लीजिए.”


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