प्लेन में एयर होस्टेस को चोद डाला

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प्लेन में एयर होस्टेस की चुदाई

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Adult Stories हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है, मुझे उम्मीद है कि यह कहानी आप सभी को जरुर पसंद आएगी। दोस्तों यह बात जून महीने की है, जब में मॉस्को से दिल्ली आ रहा था, क्योंकि में इंडिया आने के लिए कभी मुंबई और कभी दिल्ली के रास्ते आता हूँ। दोस्तों में 12 जून की रात को फ्लाइट से दिल्ली आ रहा था और में उस समय फ्लाइट में बैठ गया। फिर कुछ देर बाद ही फ्लाइट चलने लगी और उस दिन मैंने देखा कि वो फ्लाइट थोड़ी खाली थी, इसलिए में अपनी सीट नंबर पर ना बैठकर फ्लाइट में पीछे की तरफ जाकर बैठ गया, क्योंकि में उस समय थोड़ा सा थका हुआ था।

दोस्तों फ्लाइट चलने के आधे घंटे बाद एक बहुत ही सुंदर इंडियन एयरहोस्टेज मेरे लिए कोल्ड ड्रिंक लेकर मेरे पास आ गई। फिर मैंने कोल्ड ड्रिंक को तो ले लिया, लेकिन मैंने उससे कहा कि प्लीज़ मेडम मेरे लिए आप पानी भी ले आए। उस सुंदर परी ने कहा कि हाँ ठीक है सर में अभी लाती हूँ और करीब पांच मिनट के बाद ही वो परी मेरे पास दोबारा आई और वो मुझसे बोली यह लीजिए सर आपका पानी। अब मैंने उससे पानी ले लिया, उसके सुंदर बदन के साथ साथ उसकी आवाज़ भी बहुत ही मीठी सुरीली थी। दोस्तों उसके अलावा वैसे उस फ्लाइट में चार और एयरहोस्टेज थी, लेकिन सबसे ज़्यादा सुंदर आकर्षक होने की वजह से वो कुछ ज्यादा ही कयामत ढा रही थी। दोस्तों उसकी वो छोटी सी स्कर्ट बाप रे बाप क्या मस्त लग रही थी? उसकी वो गदराई हुई जवानी मेरे शरीर में उफान उठा रही थी। अब में लगातार बस उसी को ही घूरे जा रहा था। उसके बदन का आकार 34-27-34 था और वो क्या मस्त माल थी? में उसके कपड़ो के ऊपर से ही उसके नंगे शरीर की कल्पना कर रहा था, जिसकी वजह से मेरा लंड जोश में आ रहा था।

फिर कुछ देर बाद वो मेरे पास से निकल रही थी, तब मैंने उससे कहा कि मेडम क्या मुझे पानी मिलेगा? उसने कहा कि हाँ सर और वो पानी लेकर आ गयी। अब मैंने हिम्मत करके उससे उसका नाम पूछ लिया और फिर उसने मुझे अपना नाम प्रियंका बताया और उसने भी मुझसे मेरा नाम पूछा और मैंने उसको अपना नाम बता दिया। फिर वो मेरी तरफ देखकर हंसते हुए वहां से चली गयी, लेकिन उसकी कातिल अदा मुझे मारे जा रही थी, दोस्तों में सच कहूँ तो वो हिरोइन से कम सुंदर भी नहीं थी। फिर थोड़ी ही देर के बाद खाना आ गया। मैंने देखा कि प्रियंका ही खाना भी लेकर मेरी तरफ आ रही है और उसने अब मुझसे मुस्कुराते हुए पूछा कि समीर तुम्हे क्या चाहिए? मेरा लंड तो पहले से ही तनकर खड़ा हो गया था। में बहुत जोश में था इसलिए अचानक से मेरे मुहं से निकल गया कि मुझे आप चाहिए। दोस्तों शायद उसने मेरे खड़े हुए लंड को मेरी पेंट के ऊपर से ही देख लिया था, इसलिए वो मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बोली आपको खाने में क्या चाहिए? मैंने उससे कहा कि आप कुछ भी जो आपको अच्छा लगे दे दो, उसके हाथों से में खाना ले रहा था और मैंने खाना लेते समय उसके हाथों को छू लिया जिसकी वजह से मेरे पूरे शरीर में एक अजीब सी बिजली दौड़ने लगी।

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फिर मैंने मन ही मन खुश होकर वो खाना खा लिया और मेरी तरह सभी लोग करीब करीब खाना खा चुके थे। अब सभी एयरहोस्टेज हमारी प्लेट उठा रही थी और आखरी में प्रियंका मेरी प्लेट उठाने आ गई, वो भी मेरी प्लेट को उठा ही रही थी कि तभी अचानक से हाथ फिसल जाने से उसके हाथों से सब्जी की प्लेट मेरी पेंट पर ठीक लंड के ऊपर जाकर गिर गई। अब मेरे कुछ कहने से पहले ही वो मुझसे माफी मांगने लगी और फिर तुरंत ही वो मेरे लंड के ऊपर गिरी सब्जी को उठाने लगी थी। फिर उसने जैसे ही मेरे लंड के ऊपर पेंट पर अपने हाथ से छूना शुरू किया तो मेरा लंड एकदम टाईट हो गया। अब प्रियंका को भी महसूस हो गया कि मेरा लंड खड़ा हो गया है इसलिए वो और थोड़ी देर तक ऐसा ही कर रही थी, जिसकी वजह से मुझे लगने लगा था और अब में अच्छी तरह से समझ चुका था कि उसने ही जानबूझ कर मेरी ऊपर उस सब्जी को गिराया था।
फिर वो अपने नरम मुलायम हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी, कभी लंड को ज़ोर से पकड़ भी लेती और अब मुझे समझ में ही नहीं आया कि यह मेरे साथ क्या हो रहा है? तभी उसने बड़े प्यार से मुझसे पूछा क्यों मज़ा आ रहा है मेरी जान? मैंने उससे कहा कि हाँ आ रहा है।


फिर उसने कुछ देर बाद मुझसे कहा कि जानू में अभी जा रही हूँ, लेकिन में अभी थोड़ी देर में वापस आ जाउंगी। अब वो दूसरे लोगो को चाय, कॉफी लाकर दे रही थी, लेकिन वो मेरे पास एक बार भी दोबारा नहीं आई। फिर करीब आधे घंटे बाद सभी जगह की लाइट बंद हो गयी। फिर मैंने देखा कि उसी समय वो मेरे पास आई और उसके दोनों हाथों में दो पेक विस्की के थे। अब उसने मेरा पास आकर एक मुझे दे दिया और एक वो खुद ही पी गयी और फिर अब तक सभी आसपास के लोग सो चुके थे और में तो उस समय सबसे आखरी में बैठा था और वहाँ पर आसपास कोई भी नहीं बैठा था। फिर विस्की को पीने के बाद उसने मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से में धीरे धीरे जोश में आ रहा था और अब मैंने भी उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया। फिर मैंने उसकी शर्ट, छोटी स्कर्ट को खोल दिया जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में ही थी, उस समय फ्लाइट में हल्की रौशनी थी जिसकी वजह से मुझे उसकी ब्रा और पेंटी के रंग का पता चल गया।

दोस्तों वो उस समय गुलाबी रंग की ब्रा पहनी हुई थी, अब में और वो एक दूसरे को होंठो से होंठो पर चूमने लगे थे। फिर कुछ देर बाद कभी वो मेरी जीभ को और कभी में उसकी जीभ को अपने मुहं में लेकर चूसने लगते और साथ ही साथ में उसके बूब्स को भी दबा रहा था। फिर करीब दस मिनट के बाद, उसने मेरे सारे कपड़े खोल दिए, जिसकी वजह से में अब उसके सामने पूरा नंगा हो गया था और अब मैंने उसकी ब्रा और पेंटी को भी खोल दिया। अब वो भी मेरे सामने पूरी नंगी हो चुकी थी। मैंने देखा कि उसकी चूत बिना बालों की एकदम चिकनी थी, जिसको देखकर में पागल हो चुका था। फिर में जोश में आकर उसके बूब्स के निप्पल को अपने मुहं में भरकर चूसने लगा था और अपने दूसरे हाथ से में उसके दूसरे बूब्स को दबा भी रहा था। अब वो जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी थी और वो बहुत धीरे धीरे चिल्ला भी रही थी और वो आह्ह्ह ऊईईई की हल्की आवाज़ भी अपने मुहं से बाहर निकाल रही थी। फिर वो कुछ देर बाद मुझसे कहने लगी ऊह्ह्ह हाँ थोड़ा ज़ोर ज़ोर से चूसो ना ऐसे का बच्चों की तरह चूस रहे हो? में उसके मुहं से यह बात सुनकर अब पहले से ज्यादा ज़ोर ज़ोर से बूब्स को चूसने लगा।

फिर उसने कुछ देर बाद मुझसे कहा कि जानू मेरे बूब्स को चूसने के साथ सहलाना और निप्पल को दबाना भी शुरू करो ना। अब मैंने उसके कहने पर ठीक वैसा ही किया और मेरे यह सब करने की वजह से वो कुछ ही देर में गरम होकर झड़ गयी। फिर मैंने उसके बूब्स का पीछा छोड़कर अब नीचे आकर उसकी चूत को चूसना और चाटना शुरू कर दिया और उस समय वो भी मेरे लंड को चूसने लगी थी। अब हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ चुके थे। फिर तभी उसने मुझसे कहा कि वाह तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है, इसको पाकर तो मुझे मज़ा आ गया। दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर में खुश था और फिर मेरे और उसके मुहं से अगले आघे घंटे तक बड़ी अजीब अजीब सी आवाज़े निकल रही थी। अभी में उसकी चूत को चाट ही रहा था कि उसकी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया और मैंने उस अमृत को चूस चूसकर पीना शुरू किया। फिर वो मुझसे कहने लगी कि में अब बहुत थक चुकी हूँ। यह बात सुनकर हम रुक गए और हम दोनों ने करीब पांच मिनट के बाद दोबारा अपना काम शुरू कर दिया।

दोस्तों इस बार मैंने प्रियंका को कुर्सी पर लेटा दिया और उसके बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत के दोनों होंठो के पास रख दिया। फिर में धीरे धीरे धक्का देते हुए उसकी चूत में अपने लंड को डालने लगा था, लेकिन बस दो इंच ही लंड अभी उसकी चूत के अंदर गया था और वो दर्द की वजह से सब कुछ भूलकर ज़ोर से चिल्ला पड़ी। अब मैंने तुरंत ही उसका मुहं अपने एक हाथ से बंद किया और में वैसे ही रुका रहा। फिर उसने अपने मुहं से हाथ को हटाकर मुझसे कहा कि जानू मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज धीरे करो ना, में इस दर्द से मरी जा रही हूँ। अब मैंने उससे कहा कि थोड़े देर तुम शांत रहो, क्योंकि यह दर्द तुम्हे बस कुछ पल ही होगा और फिर उसके बाद तुम्हे भी बहुत मज़ा आने लगेगा। दोस्तों यह बात खत्म करके मैंने लंड को बाहर निकालकर उसकी चूत पर थोड़ा सा थूक लगा दिया, जिसकी वजह से वो चिपचिपी हो गई और एक बार फिर से में उसकी चूत में लंड को डालकर धक्के देने लगा था। अब उसको भी दर्द कम होने के बाद मज़ा आने लगा था और में उसका जोश देखकर खुश हुआ, क्योंकि अब वो भी मेरे धक्को के साथ अपने कूल्हे उठाकर मेरा साथ दे रही थी।

फिर मैंने सही मौका देखकर अचानक ही ज़ोर से एक धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत मे समा गया। दोस्तों उसको दर्द तो उस समय बहुत तेज हुआ, लेकिन वो ज्यादा ज़ोर से चिल्ला तो नहीं सकती थी क्योंकि आसपास कुछ लोग भी थे और यह बात सोचकर उसने तुरंत ही अपने एक हाथ को अपने मुहं पर रखकर वो सिसक पड़ी। मैंने देखा कि वो बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी। फिर मैंने अपने लंड को दोबारा ज़ोर से धक्का मार दिया, जिसकी वजह से अब मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत की गहराईयों में समा गया और वो दर्द की वजह से सिसक पड़ी। अब वो इतना सब हो जाने के बाद भी चाहकर भी चिल्ला नहीं सकती थी, क्योंकि वहां पर हम दोनों अकेले नहीं थे हमारे साथ दूसरे लोग भी थी। दोस्तों मैंने देखा कि उस धक्के के दर्द की वजह से उसकी आंखे फटी की फटी रह गयी। फिर कुछ देर उसके शांत होने के बाद मैंने धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करना शुरू किया और अब वो हल्की हल्की आवाज से सिसक रही थी और धीरे धीरे उसको भी अब मज़ा आने लगा था और इसलिए वो भी अब अपनी गांड को मेरे हर एक धक्के के साथ उठा उठाकर मेरा साथ दे रही थी।

फिर उसने कुछ देर बाद मुझसे कहा कि जानू अब तुम थोड़ा ज़ोर ज़ोर से करो ना, तुम्हारे साथ सेक्स करने में मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा है। फिर मैंने उसके मुहं से यह बात सुनकर खुश होकर अपने धक्को की रफ्तार को पहले से ज्यादा तेज कर दिया, वो सिसकियाँ ले रही थी और धीरे धीरे से चिल्ला भी रही थी। अब उसको और मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था, दोस्तों आप सभी को में क्या बताऊँ में तो स्वर्ग के असली मज़े ले रहा था। फिर करीब 35-40 मिनट के बाद वो झड़ गई और उसके 5-10 मिनट के बाद में भी झड़ गया, तभी थोड़ी देर तक तो हम दोनों कुर्सी पर ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे। फिर प्रियंका ने मुझसे कहा कि अब तो उठो ऐसे कब तक आप मेरे ऊपर लेटे रहोगे और अब आप मेरे साथ बाथरूम चलो, क्योंकि अब वैसे भी फ्लाइट का उतरने का समय होने वाला है। फिर हम दोनों अपने कपड़े लेकर बाथरूम में आ गये और वो पानी से अपनी चूत को धो रही थी, तभी मुझे उसकी गांड नजर आने लगी, जिसको देखकर मेरे मुहं में पानी आ गया।

दोस्तों अब में एक बार उसकी गांड भी मारना चाहता था और फिर मैंने बिना देर किए उसकी गांड और अपने लंड पर थूक ढेर सारा लगाया। अब वो मुझसे पूछने लगी कि तुम यह क्या कर रहे हो? मैंने उससे कहा कि तुम्हारी गांड बहुत प्यारी है में आज इसको भी मारना चाहता हूँ, लेकिन उसने मेरे मुहं से यह बात सुनकर पहले तो मना किया, लेकिन मेरे कुछ देर ज़िद करने पर वो मान गयी और अब वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज धीरे से करना जानू मुझे बहुत दर्द होगा और गलती से मेरी आवाज बाहर चली गई तो सभी को उठकर आ जाएगें। फिर मैंने उससे कहा कि हाँ तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो में बड़े आराम से करूंगा, उससे इतना कहकर में अब उसकी गांड में अपने लंड को डालने लगा, लेकिन मेरा लंड उसकी कसी हुई गांड के अंदर जा ही नहीं रहा था। फिर में बार बार अपने लंड और उसकी गांड में थूक लगा रहा था और करीब पांच मिनट के बाद मेरा लंड उसकी गांड में चला गया, लेकिन अभी थोड़ा ही अंदर गया था। अब में उसके बूब्स को सहलाने लगा और थोड़ी ही देर बाद मैंने दोबारा एक जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से अब मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में चला गया। अब वो दर्द से चिल्ला रही थी, मचल रही थी और उसकी आखों से लगातार आँसू निकल रहे थे।

फिर कुछ देर के बाद उसको भी अच्छा लगने लगा और में धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा और अब हम दोनों को इस खेल में बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैंने कुछ देर बाद अपने धक्को को बढ़ा दिया में अब तेज गति से उसको धक्के देकर उसकी गांड में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा था, लेकिन थोड़ी ही देर के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी गांड में निकाल दिया और वो भी झड़कर ठंडी होती चली गई और उसके साथ साथ मेरा भी जोश ठंडा होता चला गया। फिर इस काम के खत्म हो जाने के बाद उसने मुझसे कहा कि तुम फ्रेश होकर वापस अपनी सीट पर चले जाओ क्योंकि अब फ्लाइट उतरने वाली है। फिर में जल्दी से फ्रेश होकर अपनी सीट पर आ गया और करीब बीस मिनट के बाद फ्लाइट की लाइट चालू हो गयी और एक आवाज मुझे सुनाई दी, जिसमे बोला गया कि बस दस मिनट बाद हमारी फ्लाइट दिल्ली उतरने वाली है। अब सभी एयरहोस्टेस आ गई और वो हम सभी को सीट बेल्ट लगाने के लिए कहने लगे थे। फिर में उन सभी के बीच प्रियंका को ढूँढने लगा। करीब दो मिनट में वो भी मुझे नजर आ गयी और उस समय वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी। अब वो मुझे अपनी उस एयरहोस्टेस की ड्रेस में एक बार फिर से मस्त पटाखा लग रही थी, में उसकी सुंदरता को देखकर उससे बहुत प्रभावित हुआ और इसलिए में मन ही मन उससे प्यार भी करने लगा था और शायद उसका यही हाल था।

फिर कुछ ही मिनट में हमारी फ्लाइट दिल्ली उतर गयी और सभी के नीचे उतर जाने के बाद वो मेरे पास आ गई और उसने अकेले में मेरे होंठो पर शानदार चुम्मा दिया और साथ ही साथ उसने उसी समय मुझे अपना मोबाइल नंबर भी दिया। फिर वो और में अपने अपने रास्ते चले गये, इसके बाद हर सप्ताह वो या में एक दूसरे को फोन करते है ।

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