Goa Me Punjabi ladki ki gand aur Choot ka Swad Chakha
दोस्तों ये कहानी आज से कुछ डेढ़ साल पहले की हे. मैं कोलेज में था और मेरे ग्रुप में मेरे अलावा, अंजलि, बबिता, सोनिया, मिहिर, अनवर, टोनी और बाबु थे. सब को रहने दे क्यूंकि वो लोग इस हिंदी सेक्स कहानी में उतने इन्वोल्व नहीं हे. अंजलि के बारे में जान लें क्यूंकि वही इस पोर्न कहानी की मेन हिरोइन हे. अंजलि छाबरा साहब की बेटी हे. छाबरा साहब का यहाँ मुंबई में और मुंबई के पास के एरिया में मिनरल वोटर सप्लाय का बहुत बड़ा धंधा हे. अंजलि एक सेक्सी पंजाबी लड़की हे जो हॉट कपडे पहनती हे और हॉट बातें भी करती हे.
अंजलि को मैं उस दिन से पहले कभी ख़राब नियत या नजर से नहीं देखा था. पर उस दिन संजोग ऐसे हुए की मैंने उसे सब छेद में लंड डाल के चोदा. अगस्त का महिना था. गर्मी ठीक ठीक ही थी मुंबई में. हम लोग गोवा गए थे. मतलब की पूरा ग्रुप. शाम को हम लोग वहां पहुंचे. और होटल में चेक इन के बाद सीधे ही हम लोग कलंगुट बिच पर आ गए. वहां पर माहोल बड़ा सुहाना सा था. एक रंगीन शाम जिसे कहते हे वो सब माहोल था वहाँ का. शराब, शबाब और बोटी कबाब!
वही बिच के एक रेस्टोरेंट में हम लोगों ने डिनर किया. लड़कियों ने अपने लिए बियर तो हम लोगों ने हार्ड ड्रिंक ऑर्डर की. खाने में सी-फ़ूड बड़ा ही मस्त था. मैंने 2 ही पेग लिए क्यूंकि मैं नॉर्मली कम ही पीता हूँ. लेकिन बाकी सब ने अच्छा खासा ड्रिंक कर रखा था. खाने के बाद हम लोग वापस बिच पर आ गए. लड़कियों के ऊपर भी चिल्ड बियर का नशा था और लौंडे तो बिना पिए भी नशे में होते हे फिर वो तो अभी पिए हुए थे. मुझे भी आल्कोहोल के ओएच ग्रुप में दिल में ओये ओये करवा दिया था. अंजलि ने ब्लेक लूज टी और जींस पहनी हुई थी. उसकी चुंचियां बहार आने के लिए मरी जा रही थी जैसे. बाकी लडकिया भी टी में ही थी लेकीन अंजलि का टी सब से सेक्सी था.
अनवर और बाबु ने कहा चलो नहाते हे. और सब लोगों ने अपने अपने कपडे खोल दिए. मेरा ध्यान अंजलि पर था. उसने अन्दर ब्लेक ब्रा और निचे लम्बी वाली पेंटी पहनी थी. वो बिना शर्म के ब्रा पेंटी में खड़ी थी. बाकी सब लड़के भी अंडरवेर में आ गए. मैंने भी पेंट खोली और अंडरवेर में आ गया. अंजलि की गांड मेरी तरफ थी. वो अपने बदन के ऊपर लोशन लगा रही थी. और पीछे उसके कुल्हे इधर से उधर हो रहे थे. मेरा लंड खड़ा होने लगा. दोस्तों की नजर से बचने के लिए मैं दरिया में चला गया. और फिर सब लोग वन बाय वन आ गए. अंजलि के ऊपर ही मेरा ध्यान था. वो मुझे देख के मुस्काई, शायद उसे अब तक पता नहीं था की पहली बार उसे चोदने के लिए मेरा बाबुराव कडक हो गया था. सब लोग एक दुसरे के ऊपर पानी उड़ा रहे थे. मैंने भी अंजलि के ऊपर पानी डाला. वो भी मेरे ऊपर पानी डाल के बदला ले रही थी. ऐसा करते करते हम दोनों करीब आ गए. मैंने उसे पकड़ के निचे खिंचा. वो आआउच बोल पड़ी. लेकिन उतने में तो उसके बूब्स मेरी छाती से लग गए थे. मैंने उसे खींचे रखा और उसे मेरे लंड का गरम गरम टच भी हुआ तो होगा. वो छटपटा रही थी. हमारे सब तरफ बाकी के दोस्त भी मस्ती में ही थे. किसी ने कुछ नहीं देखा.
लेकिन मेरी आँखे अंजलि की आँखों में डूब सी गई. शायद वासना के उमड़े हुए सैलाब ने उसे अपना रंग दिखा दिया था. उसने छटपटाना छोड़ दिया. और उसने जैसे अपनेआप को समर्पित कर दिया. लेकिन यहाँ कुछ हो भी तो नहीं सकता था! मेरे लंड ने उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से ही टच किया था. पर मैं उसे चूसने और चाटने के अगिनित खवाब अभी से देखने लगा था. अंजलि के होंठो पर चुम्बन किया और उसने आँखे बंध कर ली. मैंने फट से चुम्बन तोड़ भी दिया क्यूंकि सब लोग देख भी सकते थे. अंजलिको मैंने छोड़ दिया. वो अपने बाल सीधे करते हुए मेरे चहरे और मेरे लौड़े दोनों को देख रही थी.
और फिर मुड़ते हुए उसने एक ऐसी स्माइल दी जिस से मुझे लगा की वो भी इंटरेस्टेड ही हे! मैं भी तौलिया पकड के अपने बदन को पूछने लगा. या यूँ कहिये की मैंने अपने कडक हुए लंड को छिपाने के लिए ही तौलिया ले लिया था. अंजलि बाल सुखा के मेरे पास आ गई. मैंने उसे कहा, सोरी इफ आई हर्ट यु!
अंजलि ने कहा, अरे बाबा इट्स ओके!
ये सुन के मेरी जान में जान आई. लेकिन मैं थोडा बहुत तो जानता ही था की उसके ऊपर भी चुदाई का नशा चढ़ा ही था. मैंने उसका हाथ पकड़ के कहा, यु नो आई लाइक यु?
वो मेरी तरफ देख के बोली, रियली?
मैंने कहा, याह.
अंजलि ने कहा, ये प्रोपोस था?
मैं हंस पड़ा और उसे कहा, यु नो मेरी एंगेज माँ पापा ने बहुत पहले ही कर दी हे. हमारे वहां रिवाज ने ब्लडी एवरीथिंग!
वो हंस पड़ी. और फिर मेरी आँखों में देख के बोली, यु नो इवन आई हेट ये सब. पर करना पड़ता हे मोम डेड के लिए, शायद मेरे लिए भी पापा पंजाब में कोई पगड़ी वाला सरदार ही देखेंगे. वो चाहते हे की हम खुश रहे इसलिए वो अरेंज्ड मेरेजिस में बिलीव करते हे.
मैंने देखा की मेरे बाकी के सब दोस्त अभी भी नहाने में ही थे.
बाबु ने बिच में कहा भी, कम ओं अंजली एंड रघु.
मैंने हाथ से उसे वेव किया और कहा, मैं यही ठीक हूँ!
अंजलि ने कहा, सो….!
वो आइस ब्रेक करना चाहती थी.
मैंने हिम्मत कर के कहा, केन वी कम क्लोज़?
अंजलि बोली, मतलब की?
मैंने उसे देखा और उसके हाथ को दबा के कहा, रोमांस.
वो कुछ नहीं बोली तो मैंने थोडा रु के कहा, सेक्स!
अब की उसने मेरी और देख के कहा, क्या ये सही होगा?
मैंने कहा, तुम राजी हो तो करेंगे अधरवाइस नहीं.
अंजलि कुछ बोली तो नहीं लेकिन मेरे हाथ को उसने अपने हाथ से दबा दिया. शायद वो उसके हाँ कहने की स्टाइल थी!
कुछ देर में सब नाहा के बहार आ गए. फिर अबाउट 20 मिनट तक सब ने अपने बदन को साफ़ किया. और फिर सब ने अपना अपना बेकपेक उठाया. हमलोग होटल की और चल पड़े.
लोबी में अंजलि को उसके कमरे में जाते हुए मैंने देखा! वो भी जैसे अन्दर जाने से पहले मुझे देख लेना चाहती थी.
अंदर जा के मेरे दोस्तों ने कुछ और शराब मंगवा ली. और मिनी फ्रिज का सामान भी निकाल के बैठ गए. मैंने कहा, गायस मेरे विलेज के दोस्त का शॉप यही कलंगुट में हे इफ यु डोंट माइंड यु केन केरी ओन. मैं उनकी शॉप पर ही उन्हें मिल लेता हु. दोस्त लोगों ने कहा, तू आज पिएगा नहीं?
मैंने कहा, मेरा मुड़ कम हे एसिडिटी की वजह से.
फिर मैंने अपने कपडे चेंज किये. और मैं बहार लोबी में आ गया. मैंने बहार से अंजली को टेक्स्ट किया की विल यु कम आउट विथ मी?
उसका रिप्लाय आया, कहा?
मैंने कहा, कही भी जहाँ हम दोनों अकेले हो!
वो बोली, वेइट.
मैंने कहा, मैं निचे पार्किंग के बहार खड़ा हूँ.
करीब 10-12 मिनट के बाद वो आई तो जींस और टी में थी. मैंने उसके हाथ को पकड़ के कहा, आई लव यु!
अंजलि ने जवाब नहीं दिया और सिर्फ हंस दिया.
मैंने कहा, शेल वी गो टू अनधर होटल?
वो अब भी कुछ नहीं बोली.
मैंने हम जहाँ रुके थे उस से १०० मीटर दूर एक होटल पर पूछा. उसने देखा की मैं लड़की के साथ हूँ तो एक्स्ट्रा ही पैसे बोले. मैं कच कच कर के चुदाई का मजा बिगाड़ना नहीं चाहता था, इसलिए मैंने उसे कहा ओके.
2 मिनट के बाद हम दोनों कमरे में थे. अंजलि के कंधे को पकड़ के मैं उसे अन्दर ले आया. और दरवाजे को बंध करते ही मैंने उसे अपनी तरफ खिंच लिया. ग्रीन कमरे में डिम लाईट ओन थी उसके अन्दर अंजलि का सेक्सी गोरा बदन चमक सा रहा था. मैंने उसे अपनी तरफ खिंच के अपने होंठो से उसके होंठो पर किस दे दी वो भी मेरे से लिपट गई. और उसने अपने दोनों हाथ मेरी गांड के स्लाईट ऊपर रख दिए.
वो मुझे अपनी तरफ खिंच रही थी. मैंने अपने होंठो को उसके होंठो से हटा के उसकी क्लीवेज पर लगा दिया. वो जोर जोर से साँसे ले रही थी. और उसके फर्म बूब्स ऊपर निचे हो रहे थे. उसके बदन से लाईट लेडीज़ परफ्यूम की महक भी आ रही थी. मैंने अपने हाथ को ऊपर कर के उसके बूब्स दबा दिए. वो उछल सी गई.
और मैंने दुसरे हाथ से उसकी गांड को टच किया. जींस के अन्दर भी उसकी गांड एकदम सॉफ्ट लग रही थी. मैंने उसे अपने बदन पर दबा दिया और उसकी क्लीवेज के बिच की चमड़ी को चाटने लगा. मैं अपनी जबान को उसके बदन पर घुमा रहा था. और वो सिसकियाँ रही थी मदहोशी के साथ!
तभी मैंने महसूस किया की अंजलि ने अपना हाथ आगे ला के मेरे लंड वाली जगह पर रख दिया. वाऊ, वो मेरे लंड से खेलने लगी थी. मैंने उसे आराम से मजे देने के लिए अपनी जिप को खोला. लंड को उसने बहार नहीं निकला. और उसकी जगह उसने अपने हाथ को ही अन्दर पेंट और अंडरवेर में घुसेड दिया. वो पेंट के अंदर ही मेरे लंड को दबा रही थी. मैं भी कामुकता के सातवें सिखर पर था. मैंने अंजलि की टी को पेट के पास से पकड़ लिया. उसने अपने दोनों हाथ ऊपर कर दिए. मैंने टी उतार फेंकी. अंदर पिंक ब्रा थी जिसके स्ट्रिप्स लाईट ब्राउन थे और वो क्लियर प्लास्टिक के थे. मैं अपने हाथ को पीछे ले गया. वहां पर के हुक को मैंने खोला और उसकी ब्रा निचे गिर पड़ी. अंजलि ने अपने हाथ चूचो पर रख दिये. मैंने हाथो को अपने हाथ से दूर किया. क्या मस्त टाईट चुचिया थी इस पंजाबी लड़की की. मैंने उन्हें चूसने की लालच को छिपा नहीं सका और मेरे मुहं में पानी आ गया.
मैंने उसकी एक निपल को टच किया जबान से और दूसरी को दो उंगलियों में ले के एकदम प्यार से दबा दी. अंजलि सिसक उठी. मैंने अपनी पेंट की बटन खोली. और लंड को बहार निकाल दिया पेंट निचे गिरा के. अंडरवेर के होल से लंड अंजलि पहले ही बहार कर चुकी थी. मैंने अंडरवेर को भी उतार दिया.
अंजलि ने मेरे लंड को देखा और बोली, नाईस कोक!
मैंने हाथ से उसकी पजींस खोली और फिर पेंटी भी निकाल दी. उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे. हम लोग अभी भी दरवाजे पर ही थे. फिर मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और गद्दे में फेंका. मिनी फ्रिज से मैंने बर्फ का एक टुकड़ा निकाला. और अंजलि की टांगो को खोल के उसकी चूत पर रख दिया. वो मस्तियाँ उठी. मैंने बर्फ के टुकड़े को उसके पुसी होल, टमी, नावेल बटन सब पर घुमाया. और फिर मैं उसे चूसने लगा. अंजलि ने बर्फ मेरे हाथ से ले ली और मेरे सुपाडे पर लगा दी. मुझे ठंडा ठंडा लगा.
बर्फ का टुकड़ा बहुत सब घुल चूका था. अंजलि ने उसे मुहं खोल के खा लिया. फिर मैंने और उसने 69 पोजीशन बनाई. मैंने उसकी चूत पर अपनी जबान लगाईं और उसने मेरा लंड अपने मुहं में दबाया. कसम से उसकी चूत की खुसबू लंड को पागल कर देने वाली थी. मैंने चूत के दाने यानि की क्लाइटोरिस को ऐसे चाटा की अंजलि पागल कुतिया के जैसे सिसकियाँ उठी. कमरे में उसकी चुदास की चीखें गूँज रही थी. और वो भी बड़े सेक्सी ढंग से मेरा लोडा चूस रही थी! हम दोनों ने करीब 10 मिनट तक ओरल सेक्स का मजा दिया एक दुसरे को. और इतने समय में मैं एक बार और अंजलि 2 बार झड़ चुके थे. मैंने उसकी चूत का रस पिया और उसने मेरे स्पर्मस खा लिए.
फिर मैंने लंड उसके मुहं से निकाला. वो बोली कम ओन रघु, लेट्स फक नाऊ.
मैंने कहा, यस बेबी!
और अंजलि ने अपनी टाँगे फैला दी. मैंने अपने लंड के सुपाडे को उसकी चूत के होल पर लगा दिया. वो बड़ा चिकना था. एक ही झटके में लंड अन्दर डाला तो वो दर्द के मारे बौखला उठी, ऊऊऊउ अह्ह्ह्हह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह माय गॉड, इट पेइन्न्न्नन्नस लाइक फक, अह्ह्ह्हह्ह निकालूऊऊऊऊऊ! मैंने उसे अपने गले से लगाया और उसके शोल्डर के ऊपर किस करते हुए कहा, इट इस फक डार्लिंग!
वो छटपटा रही थी. मैंने जरा भी जल्दबाजी नहीं की. लंड को अन्दर रहने दिया और मैं कभी उसके बूब्स मसलता था तो कभी उसे छोटे छोटे किस देता था.
2 मिनिट के बाद उसके अंदर चुदाई के होरमोंस का जोश आया और वो सामने से अपने बदन को हिलाने लगी. मैंने कहा, यु आर ओके नाऊ?
वो सिर्फ हूँऊऊउ बोली.
और मैंने धक्के लगाने चालू कर दिए. उसकी सेक्सी चिकनी चूत में मेरे लंड की पणजी एक्प्रेस चालु हो गई!!!
वो भी अपनी कमर को बड़े ही सेक्सी ढंग से हिला के मुझे चुदाई का पूरा सपोर्ट दे रही थी. और मैं भी उसके बदन को हाथ से सहलाते हुए उसे प्यार देते हुए चोद रहा था.
करीब 5 मिनिट की चुदाई में ही मेरे लंड का पानी उसके बुर में चूत गया. वो अपनी पुसी टाईट कर के बोली, आईपिल लेनी पड़ेंगी. मैंने कहाँ हां वापस जाते हुए ले लेंगे.
मैंने जब लंड अंजलि की चूत से निकाला तो वो लाल होगया था. और सुपाड़ा एकदम फुला हुआ था. अंजलि ने अपनी चूत को टिश्यु से साफ़ किया और वो थकान की वजह से पलंग पर ही लेट गई!!!