बेटी के साथ सामूहिक चुदाई

बेटी के साथ सामूहिक चुदाई

बेटी के साथ सामूहिक चुदाई


 

बेटी के साथ सामूहिक चुदाई


मेरा नाम है माहिरा। मैं २५ साल की हूँ। मेरी शादी अभी पिछले साल ही हुई है। मेरी अम्मी आबिदा खातून हैं वह ४५ साल की हैं और बड़ी मस्त जवान हैं। अपनी बॉडी मैन्टन कर रखी है और वह ३०/३२ साल की ही लगतीं हैं। हां मन से वह २० साल से ज्यादा उम्र की नहीं लगती हैं।
खूब हंसी मजाक करतीं हैं गन्दी गन्दी बातें करतीं हैं और हमारे साथ बैठ कर पोर्न फिल्म देखतीं हैं। फिल्म देखते हुए भी बोलती रहतीं है इसका लण्ड मोटा है उसका पतला है इसकी चूत टाइट है उसकी ढीली हो चुकी है।

ये बुर चोदी चुदवाकर ही जाएगी वगैरह वगैरह ? हमारे साथ मेरी भाभी भी हैं समीना। उसकी शादी दो साल पहले हुई थी पर मेरा भाई विदेश में काम करता है . भाभी यहाँ हमारे साथ ही रहतीं हैं। मैं भी खूबसूरत हूँ और मेरी भाभी भी। हम दोनों के बूब्स बड़े बड़े हैं। चूतड़ उभरे हुए हैं और जांघें मोटी मोटी हैं। इत्तिफाक से हम तीनो ही लण्ड की जबरदस्त शौक़ीन हैं।

मैं १९ साल की उम्र में ही अम्मी से खुल गयी थी।बेटी के साथ सामूहिक चोदा चोदी में हिस्सा लिया

एक दिन मैं अपनी सहेली से फोन पर बात कर रही थी। मैं बोली – हाय बोल साइमा, माँ की चूत, क्या हो रहा है ? ,,,,,,,,,,,, क्या बात करती है तू ,माँ की चूत, ऐसा भी कहीं होता है। उसने तेरी गांड मार दी और तू खड़ी खड़ी देखती रही, माँ की चूत।

मैं होती तो उसकी माँ चोद देती, माँ की चूत ? ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,? अरे यार मेरी सुन, उसकी गांड में मैं पेल दूँगी लण्ड, माँ की चूत ? ,,,,,,,,,,मेरी माँ की न पूंछो वो तो, लौड़े से, चुदवाती रहती है।,,,,,,,,,,,,? तेरी भी माँ भी यही करती है बाप रे बाप, माँ की चूत ,,,,,,,,,,,,,,,,? कोई बात नहीं मैं सब ठीक कर दूँगी माँ की चूत। अम्मी ने मुझे सुन लिया उसे पक्का यकीन हो गया की मेरा तकिया कलाम है माँ की चूत।

एक दिन मैं अपने दोस्त को चुपके से घर ले आयी। मैं समझी की अम्मी घर पर नहीं हैं। मैं उसे नंगा करके उसका लण्ड हिलाने लगी। फिर मैं भी नंगी हो गयी। वह मेरी चूँचियाँ और चूत सहलाने लगा। मुझे मस्ती चढ़ गयी तो मैं जबान निकाल कर लण्ड चाटने लगी। इतने में अम्मी आ गयी। उसे देख कर मेरी तो गांड फट गयी। उसका लण्ड सिकुड़ गया।

पर अम्मी मुस्कराते हुए बोली हाय दईया तू इतनी बड़ी हो गयी है भोसड़ी की अभी तक ठीक से लण्ड चाटना भी नहीं जानती ? मैं बताती हूँ, लौड़े से, की कैसे चाटा जाता है लण्ड ? इतनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ और गांड लिए घूम रही है तू, लौड़े से, और इतने दिनों के बाद आज एक लौड़ा तुझे मिला है, लौड़े से ?

अभी तक क्या तू अपनी माँ चुदा रही थी ? मुझे देख मैं लण्ड चाट कर बताती हूँ तुझे की कैसे चाटा जाता है लण्ड ? अम्मी लण्ड चाटने लगीं। फिर अम्मी ने उससे पूंछा बेटा मेरी बिटिया की बुर लेते हो ? वह कुछ बोला नहीं। तब अम्मी ने कहा कोई बात नहीं बेटा, आज पहले मेरी बिटिया की बुर ले लो फिर उसकी माँ का भोसड़ा चोद लेना ?बेटी के साथ सामूहिक चोदा चोदी में हिस्सा लिया

तेरी बेटी की माँ चोदूँगी सासू जी तेरी माँ की चूत, बहन का लण्ड

ऐसा बोल कर अम्मी ने लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया। मैं लण्ड चूसने लगी। अम्मी मुझसे इतना ज्यादा खुल जायेगीं यह मुझे नहीं मालूम था। अम्मी ने फिर आहिस्ते से लण्ड मेरी चूत में पेल ही दिया। मैं पहले चिल्लाई तो लेकिन फिर मजे से चुदवाने लगी। थोड़ी देर बाद अम्मी ने भी लण्ड पेल लिया अपनी चूत बोली देख माहिरा ऐसे चुदवाई जाती है बुर ? अब उसे क्या मालूम की मैं कई बार कई लड़कों से चुदवा चुकी हूँ। आज से तू अपनी बुर क्या अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदाना सीख ले ? मैंने मन में कहा अब आएगा जवानी का असली मज़ा ?

अम्मी कुछ ज्यादा ही मस्ती में थीं। वह बोली माहिरा तेरी माँ की चूत बहन चोद आ गया न तुझे माँ चुदाना ? मैंने कहा हां आबिदा खातून भोसड़ी की तुझे भी आ गया बिटिया की बुर चुदाना। वह मेरे मुंह से गालियां सुनकर बहुत खुश हुई और मेरे गाल थपथपाकर बोली हां बेटी इसी तरह लिया जाता है चुदाई का पूरा पूरा मज़ा ?

एक दिन मैं जेसिका आंटी के घर चली गयी, माँ की चूत ? मैंने कहा अम्मी अरे वह तो बड़ी मजेदार हैं और बड़ी गहरी मजाक करतीं है, माँ की चूत ? अम्मी ने कहा – तुझे मालूम नहीं है लौड़े से की जेसिका बुर चोदी सेक्स की बहुत बड़ी खिलाड़ी है। उसकी बेटी भी उसका साथ देती है। जेसिका लण्ड अपनी बेटी की चूत में दानादन्न घुसेड़ती है और उसकी बेटी भी अपनी माँ के भोसड़ा में एक के एक बाद ठोंकती जाती है। दोनों खूब खुलकर गली गलौज करती है और खूब एन्जॉय करतीं हैं। मैंने मन में कहा एक मैं ही नहीं हूँ माँ चुदाने वाली बेटी और भी हैं बेटियां हैं जो अपनी माँ चुदवाती हैं।बेटी के साथ सामूहिक चोदा चोदी में हिस्सा लिया

मेरी समीना भाभी बड़ी मजेदार भी हैं और खूबसूरत भी। एक दिन हम तीनो बैठी हुई बातें कर रहीं थी। मेरे मुंहसे निकला अरे समीना भाभी तुम तो बहुत शर्माती हो ? शरमाओगी तो फिर लण्ड का मज़ा कैसे ले पाओगी ? वह बोली हाय दईया नन्द रानी मैं लण्ड किसी ने नहीं शर्माती।

मैं तो सबके लण्ड से बड़ी मोहब्बत करती हूँ। मैं जब कॉलेज में थी तो खूब लण्ड पकड़ा करती थी। घर में लोगों के लण्ड पकड़ती थी। सबसे पहले मैंने मामू लण्ड पकड़ा फिर उसके दोस्त का लण्ड पकड़ा और एक दिन मैंने खालू का लण्ड पकड़ लिया।

इसी तरह एक दिन जीजू का लण्ड भी मेरे हाथ लग गया। मैं तो दिन रात लण्ड के सपने देखती थी और आज भी देखती हूँ। इसीलिए मुझे ‘लण्ड’ कहने की आदत पड़ गयी। मैंने मजाक में कहा समीना भाभी कभी अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेला तुमने ? वह बोली हां बिलकुल पेला।बेटी के साथ सामूहिक चोदा चोदी में हिस्सा लिया

भाभी ने बताया की एक दिन की बात है। मैं जब कमरे में घुसी तो देखा की अम्मी पड़ोस के शब्बीर अंकल के पैजामे में हाथ डाल कर उसका लण्ड हिला रहीं हैं।


 

मैं वहां से घूम कर जाने लगी तो अम्मी ने कहा अरी भोसड़ी की समीना इधर आ तेरी माँ की चूत ? इतना शरमायेगी तो जवानी का मज़ा कैसे ले पायेगी ? इधर आ मरे पास। मैं जब पास में गयी तो अम्मी ने लण्ड बाहर निकाल लिया और मुझे लण्ड दिखाते हुए बोली लो बेटी समीना अंकल का लण्ड चाटो ?

अंकल का लंबा चौड़ा लण्ड देख कर मैं भी ललचा गयी। मेरा हाथ अपने आप बढ़ गया और मैं लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड बहन चोद और सख्त हो गया। अम्मी ने पूंछा कैसा लगा लण्ड तुम्हे समीना ? मैंने कहा अम्मी ये तो बिलकुल खालू के लण्ड की तरह है। अम्मी ने कहा हाय दईया तो तू बुर चोदी खालू का लण्ड चूसती है। तेरे खालू का लण्ड खड़ा होने पर थोड़ा टेढ़ा हो जाता है न समीना।

मैंने कहा हां अम्मी तुम ठीक कह रही हो। वह बोली जानती हो समीना तेरा खालू तेरी माँ का भोसड़ा चोदता है। मैंने भी जोश में आकर कह दिया अम्मी मेरा खालू तेरी बिटिया की भी बुर लेता है। अम्मी ने मेरा गाल चूम लिया और बोली कोई बात नहीं बेटी ये चूत बुर चोदी चुदवाने के लिए ही होती है।

एक दिन समीना भाभी जाने किस मूड में थीं।

वह आई और बोली :- माहिरा, तेरी माँ की चूत, तेरी भाभी की बुर ?

मैं भी मूड में आ गयी तो मैने भी जबाब दे दिया।

मैंने कहा :- भाभी, तेरी नन्द की बुर, तेरी सास का भोसड़ा ? तब तक मेरी अम्मी भी आ गयी।

वह बोली :- बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा, तेरी तेरी माँ की बिटिया की बुर ?

फिर हम सब बड़ी जोर से हंसने लगीं।बेटी के साथ सामूहिक चोदा चोदी में हिस्सा लिया

उसी दिन शाम को मेरा ससुर आ गया और भाभी का जीजा भी। मैंने कहा हाय दईया लो दो लण्ड का

इन्तज़ाम हो गया है। आज मैं अपनी भाभी की बुर तो चोद लूंगी और चोद लूंगी उसकी सास का भोसड़ा ? तब तक भाभी बोली नहीं मैं चोदूँगी अपनी सास का भोसड़ा और अपनी नन्द की बुर ?

अम्मी ने कहा हाय दईया तुम सब लोग ऐसा क्यों कह रही हूँ। फिर तो मैं भी चोदूँगी बिटिया की बुर और बहू की चूत ? लेकिन तुम लोग परेशान न हो मैंने फ़ोन कर दिया है और आज ही मेरा देवर दुबई से आ रहा है। वो चोदेगा तुम दोनों की चूत ? तब आएगा चुदाई का घनघोर मज़ा ?

कुछ देर बाद सब लोग इकठ्ठा हो गये। मेरा ससुर तस्कीम आ गया उधर भाभी का जीजू सकीब मियां भी आ गया। मैं दोनों को जानती थी लेकिन लण्ड इनमे से किसी का नहीं जानती थी। मेरी इच्छा बढ़ने लगी की जल्दी से जल्दी इनके लण्ड पकड़ कर देखूं। तभी किसी ने घंटी बजा दी। अम्मी ने दरवाजा खोला और बोली हाय उस्मान आ जा जल्दी से हम लोग तेरा ही इंतज़ार कर रहीं हैं।

भिखारी के मोटे लौड़े से चुदाया


अम्मी ने उसे हम सबसे मिलवाया। मैं तो समझती थी की कोई ४५/५० साल का आदमी होगा पर वह तो मस्त जवान लड़का निकला उम्र शायद २५/२६ के लगभग होगी। मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगीं। यही हाल भाभी जान भी था। अम्मी ने फटाफट ड्रिंक्स का इंतज़ाम कर दिया और हम लोग मस्ती से दारू का मज़ा लेने लगे।

चुदाई के खेल के पहले अगर थोड़ा नशा वगैरह कर लिया जाये तो चुदाई एक मज़ा दुगुना हो जाता है।अब जब हमें अय्यासी करनी है तो फिर अच्छी तरह क्यों न की जाए ? दारू चालू हो गयी और नशा भी चढाने लगा। मस्तियाँ भी छाने लगीं और दिमाग में खुराफात भी चलने लगी। मेरी नज़र ससुर के लण्ड पर जैम गयी।

मैं सोंचने लगी की इसका लण्ड कैसा होगा, कितना बड़ा होगा, कितना मोटा होगा, कैसे चोदता होगा। मैंने कभी उसका लण्ड न देखा और मन पकड़ा ? मैंने फिर सोंचा की आज तो मौक़ा है। आज तो मुझे चूकना नहीं चाहिए। बस मैं ससुर के पैजामे का नाड़ा बड़े प्यार से खोलने लगी। उसने कोई ऐतराज़ नहीं किया। किसी ने कुछ कहा नहीं। बस मैंने हाथ अंदर घुसेड़ दिया। तब भाभी ने भी अपने जीजू के पैजामे के अंदर हाथ घुसेड़ दिया।

मैं तो बड़ी बेशर्मी से ससुर का लण्ड अंदर ही अंदर सहलाने लगी। लण्ड बहन चोद खड़ा होने लगा। तब मुझे अहसास हुआ की लण्ड बड़ा जबरदस्त है।बेटी के साथ सामूहिक चोदा चोदी में हिस्सा लिया

सबसे पहले मैंने ही ससुर का लण्ड बाहर निकाल लिया, उसका सुपाड़ा चूमा और अम्मी को लण्ड दिखाते हुए बोली लो अम्मी मेरे ससुर का लण्ड पियो। अम्मी ने मुस्कराकर लण्ड मेरे हाथ से ले लिया। तब तक भाभी बोली अरे मेरी बुर चोदी नन्द रानी लो तुम मेरे जीजू का लण्ड पियो ? उधर अम्मी ने बहू को अपने पास इशारे से बुलाया और कहा बहू ले तू पी ले मेरे देवर का लण्ड ? ये भोसड़ा का तेरा ससुर ही है। फिर एक एक करके हम तीनो ने अपने अपने कपड़े खोल डाले और एकदम नंगी हो गयीं तो महफ़िल में आग लग गयी।

उधर मरद भी मादर चोद तीन के तीनो एकदम नंगे हो गए और उनके लण्ड टन टनाने लगे। अम्मी को मेरे ससुर का लण्ड पसंद आ गया। पसंद तो मुझे भी आ गया पर मैं चाहती हूँ की पहले वह मेरी माँ चोद ले फिर मुझे चोदे। मैं तो भाभी के जीजू के लण्ड में खो गयी। सकीब के लण्ड से मुझे भी मोहब्बत होने लगी। मैं जबान निकाल कर लण्ड का टोपा चाटने लगी। भी मस्ती से उस्मान का लौड़ा हिला हिला आकर पहले तो बड़ी देर तक देखतीं रहीं और फिर उसे मुंह में घुसेड़ कर चूसने लगीं।

एक ज़माना था की जब की मरद का लण्ड खड़ा होते ही चूत में घुस जाता था और वह थोड़ी देर तक चोद चाद कर झड़ जाता था। पर अब ज़माना बदल गया है। अब तो लण्ड खड़ा होते ही लड़कियों के मुंह खुल जातें हैं। लण्ड सीधे मुंह में घुस जाता है या यूँ कहें की लड़कियां सबसे पहले लण्ड मुँह में लेतीं हैं फिर कर कहीं। आजकल तो लण्ड चाटने, लण्ड चूसने का और लण्ड पीने का समय है।

झड़ता हुआ लण्ड पीना और मुठ्ठ मार कर लण्ड पीना आजकल का फैसन हैं।

थोड़ी देर में अम्मी ने लण्ड अपने भोसड़ा में घुसा लिया और यह भकाभक चुदवाने लगीं। अम्मी तो वास्तव में चुदवाने में बड़ी बेशर्म है। हम दोनों भी बेशर्म हो गयीं। मैंने भी सकीब का लण्ड घुसेड़ा अपनी चूत में और गचागच चुदवाने लगी। अब तक तो मुझे चुदवाने का अच्छा ख़ासा तज़ुर्बा हो चुका था। मेरी समीना तो ऐसे चुदवाने लगीं जैसे की वह एक मंजी हुई रंडी हों।

अम्मी को मस्ती सूझी तो वह बोली ;- हाय बुर चोदी समीना तू बहन चोद अपनी नन्द की माँ चुदवा रही है।

समीना भाभी बोली :- हां सासू जी मुझे अपनी नन्द की माँ चुदाने में मज़ा आ रहा है पर तू भी तो अपनी बिटिया की भाभी की बुर चुदवा रही है, हरामजादी।

मैंने कहा :- अरे भाभी तेरी सास भोसड़ी की अपनी बिटिया की बुर देखो न कितनी शिद्दत से चुदवा रही है और तेरी नन्द की बुर में लौड़ा घुसेड़ने के लिए कितनी बेताब हो रही है ? इसकी तो बहन की बुर ?

अम्मी ने फिर कहा – बहू, तेरी नन्द की बुर चोदी बुर बहुत टाइट है इसमें कोई मोटा लण्ड पेलना ?

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इसी तरह की मस्ती करती हूँ हम तीनो धकापेल ऊपर से नीचे तक आगे से पीछे तक चुदवाने में लगीं थीं। अचानक लण्ड की अदला बदली होने लगी। मेरे ससुर ने अम्मी की बुर से लण्ड निकाल कर भाभी की बूर में घुसा दिया। उस्मान ने भाभी की बुर से लण्ड निकाल कर मेरी चूत में घुसेड़ दिया। सकीब ने अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल कर अम्मी के भोसड़ा में ठोंक दिया। लण्ड बदलते ही चुदाई का मज़ा दूना हो गया।

एक दिन मेरी खाला जान आ गयी। उसकी शादी शुदा बेटी भी उसके साथ थी। रात को खूब झमाझम बातें हुईं। मैंने भी खूब खुल कर बातें की और अपनी कहानी सुनाई। अम्मी ने भी कुछ छुपाया नहीं और मेरी भाभी जान भी खुल कर बोलीं।बेटी के साथ सामूहिक चोदा चोदी में हिस्सा लिया

तभी उसकी बेटी बोली :- अरे यार माहिरा, यह सब तो मेरे घर मे भी होता है। एक दिन मेरा अब्बू मेरी ससुराल आया और मेरी नन्द की बुर में रात भर लण्ड पेला। सवेरे जब वह जाने लगा तो नन्द बोली अरे अंकल कहाँ जा रहे हो ? आज तो मेरी माँ चोदो। मुझे चोदा है तो मेरी माँ चोद कर जाओ न प्लीज। उधर मेरा ससुर भोसड़ी का बड़ा हरामी है।

एक दिन लण्ड खोल कर मेरे सामने खड़ा हो गया बोला बहू एक बार इसे भी पकड़ कर देख लो न ? अच्छा लगे तो आगे भी पकड़ती रहना ? उसका साला ८” लण्ड देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। लण्ड का सुपाड़ा साला तोप का गोला लग रहा था। फिर क्या मैंने पकड़ ही लिया। उस दिन मैंने जब उससे चुदवाया तो पता चला की बड़ी लोगों से चुदवाने में कितना मज़ा आता है।

इस तरह एक बार हमने खाला और उसकी बेटी के साथ सामूहिक चोदा चोदी में हिस्सा लिया। खाला भी बहुत बड़ी चुड़क्कड़ औरत हैं।

कहा :- खाला जान तेरी बहन का भोसड़ा ? तू तो बिलकुल हम लोगों जैसी ही है।

वह बोली :- माहिरा, तेरी माँ की बिटिया की बुर ? तेरी खाला की बेटी भी बहन चोद लण्ड की बड़ी शौक़ीन है। जाने कहाँ कहाँ के लण्ड अपनी माँ की चूत में घुसेड़ा करती है ?

तब तक उसकी बेटी बोली :- अरे यार माहिरा तेरी खाला भी भोसड़ी वाली एक से एक बेहतर लण्ड अपनी बेटी की चूत में पेलती है ? बड़ी हरामजादी है तेरी खाला और तेरी खाला का भोसड़ा ?

इस मस्ती का रिजल्ट यह है की पिछले कई सालों से हमारे घर में कोई परेशानी नहीं है। कभी कोई बीमार नहीं हुआ और कभी किसी डॉक्टर की जरुरत नहीं पड़ी।

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