Office Me Ghode Jaisa Lund Liya

Office Me Ghode Jaisa Lund Liya

ऑफिस में घोड़े जैसा बड़ा लोडा लिया

Office Me Ghode Jaisa Lund Liya,ऑफिस में घोड़े जैसा बड़ा लोडा लिया

आजे उसने हिम्मत कर के मुझे कोपी रूम में पीछे से पकड़ ही लिया. कब से दाना डाल रही थी मैं पुरे तिन महीने की महनत आज जा के रंग लाइ थी मेरी.

कोलेज से ही चुदाई का चस्का था मुझे. मामा जी के साथ स्टार्ट किया था तब से ले के आज तक पता नहीं कितनो के निचे लेटी हूँ मैं! चुदाई में जो मजा हे वो और किसी चीज में नहीं हे!

मैंने चार महीने पहले एक नयी कम्पनी ज्वाइन की. मार्केटिंग में होने की वजह से सभी लोगों से काफी बातें होती थी. एक महीने तो काम में सेटल होने में ही निकल गया. तब दयां आया की मैं पिछले एक महीने से नहीं चुदी हूँ! ऐसे में मेरी चूत एक मोटा सा लंड मांग रही थी. पर नए शहर में जानती थी किस को! तब ध्यान आया की ऑफिस में ही किसी को ढूंढा जाए. फिर क्या ऑफिस में सब को नोटिस करना चालू कर दिया मैंने. मैं यु भी काफी तंग कपडे पहनती थी. धीरे धीरे से पेंट्स की जगह स्कर्ट पहनने लगी. मेरे ही डिपार्टमेंट में काम करता था वो. मुझ से दो साल सीनियर था. मैं इंटरनेशनल मार्केटिं संभाल रही थी और वो डोमेस्टिक में हेड था.

हमारे केबिन आमने सामने ही थे और लॉबी के एंड में एक कोपी रूम था. वैसे तो कॉपी निकालने का काम हमारे जूनियर्स करते थे. पर जब से उसके आँखों को अपने चुन्चों पर गड़े देखा है तब से मैं ही कॉपी करना चालू कर बैठी थी.

देर तक काम करना हम दोनों की पहले से आदत थी. अब कुछ ज्यादा देर तक बैठने लगी थी मैं. लेट होने पर अक्सर वो ऑफिस लोक करता था. इसलिए जब तक मैं ना जाऊं उसका ऑफिस में बैठना मज़बूरी था. जो वो शायद एन्जॉय भी करता था.

उस दिन सब के जाने के बाद मैं अपने केबिन में कम कर रही थी. तभी इंटरकॉम पर उसकी कॉल आई, कोफ़ी पियोगी?

मैंने मस्ती में कहा, आप जो भी पिलाओगे पी लुंगी!

थोड़ी देर में वो दो कप कॉफ़ी ले के मेरे केबिन में आया. मै एक कॉल पर थी. उसको बैठने का इशारा करके मैं टेबल की तरफ ऐसे झुकी की उसे मेरे बूब्स के पुरे दर्शन हो जाए. फिर वो बैठ गया. मैं बात करते करते उठी. तब मैंने स्कर्ट ही पहनी थी. मैं गांड उसकी तरफ कर के कुछ ढूंढने की एक्शन में निचे झुक गई. मैं जानती थी की पीछे उसे मेरे पेंटी के दर्शन हो गए होंगे!

थोड़ी देर गांड मटका मटका के फोन पर बात की. फिर जब उसकी तरफ मुड़ी तो अनजान बन के अपने स्कर्ट मैंने ठीक करते हुए कहा, ओह सोरी ध्यान ही नहीं रहा की मैं अकेली नहीं हूँ. हॉप यु डोंट माइंड.

उसने कहा अरे नो नो इट्स ओके, और भी कॉल्स करने हे तो कर लो.

मेरा ध्यान उसकी पनतु के ऊपर गया. वहां पर लंड खड़ा होने की वजह से टेंट बना हुआ था. मैंने कुछ कहा नहीं लेकिन जानबूझ के ऐसे उसके लोडे को देखने लगी जैसे तिरछी नजरों से देख रही हूँ. लेकिन मैं उसे जताना चाहती थी की मैं उसके लंड को देख रही थी.

तभी एक और कॉल आ गई और वो उठ के चला गया. उसके बाद तो ऐसे अक्सर होने लगा. ऑफिस में सब के जाने के बाद हम दोनों लेट तक बैठते और कॉफ़ी पीते थे. मैंने अक्सर उसे कुछ न कुछ दिखा देती थी. फिर हम दोनों अब सोफे में आ गए थे टेबल चेयर से. अक्सर मैं उसकी बातों को एन्जॉय करते हुए उसकी जांघ पर फ्रेंडली जेस्चर में हाथ मार देती थी. कभी कभी उसके लंड को महसूस भी कर लेती थी. फिर गलती से हाथ पेनिस पर चला गया हो वैसे उसे सोरी भी कह देती थी. वो सब समझ रहा था पर मेरे इस बिहेवियर से परेशान था. मैं रोज उसे एक्साइट करती थी फिर कॉफ़ी के लिए थेंक्स कह के अपने काम में लग जाती थी.

उस दिन हम दोनों मिल के एक रिपोर्ट के ऊपर काम कर रहे थे. एसी खराब होने की वजह से काफी गर्मी लग रही थी. उसने अपनी कोट उतार दी और चेयर के ऊपर रख दी. और ताई निकाल के अपनी शर्ट के ऊपर के दो बटन भी खोल दिए ताकि कम गर्मी लगे. मैंने ये सब देख के अनदेखा सा कर दिया.

तभी वॉचमैन ने आक के कहा, साहिब मैं जा रहा हूँ, एसी थोड़ी देर में ठीक हो जाएगा. उसने कहा, ठीक हे जाओ तुम लेकिन उन्हें कहो की एसी जल्दी से ठीक करें.

वॉचमैन के जाते ही मैंने भी अपना कोट उतार दिया. उसके निचे मैंने एक टेंक टॉप ही पहना हुआ था. जो मेरे 38 इंच के चुचों को संभाल नहीं पा रहा था, फिर बिना उसकी तरफ देखें मैंने दधिरे से अपने बालों को कंधे को बाँधने की कोशिश शरु की. मैंने बार बार उन्हें संभालती. ये देख कर उसने कहा, खुले रहने दो, काफी अच्छे लगते हे!

मैंने उसे एक स्माइल दी और अपन काम शरु कर दिया, थोड़ी देर में मैंने यहाँ काफी गर्मी हो रही हे. हम मेरे केबिन में चलते हे कम से कम वहाँ की खिड़की से तो कुछ हवा आएगी. उसने सारे पेपर्स लिए और मेरे केबिन की तरफ चल दिया.

वो दरवाजे पर ही मेरा इन्तजार कर रहा था. मैंने झुक के धीरे से अपनी स्टोकिंगस निकालनी शरु की. काफी गर्मी लग रही थी. बस पांच मिनिट में आती हूँ मैंने उसे ऐसा कहा. वो मेरी केबिन की तरफ चला गया वहां जा के काम करने की जगह वो मुझे ही देख रहा रहा. मैंने अपनी स्टोकिंगस निकाली. उसकी तरफ खड़े हो के अपनी बेल्ट  उतारी और अपने टॉप को ठीक करने लगी. जब मैं आई तो पेपर्स की तरफ देखने लगा. मैंने चेइर की जगह सोफे पर बैठी. उसे कहा की यहाँ बैठते हे, विंडो यही हे.

हमने जल्दी से सारे पेपर्स पुरे किए. इसी बिच में वो पेपर्स उठाने के बहाने से बार बार मेरे चुन्चो को टच कर लेता था. मैं उसे अनदेखा कर रही थी. एक रिपोर्ट में कुछ डाउट पूछने के बहाने से मैं उसे एकदम सट के बैठ गई. और अपना हाथ भी उसकी जांघ के ऊपर रख दिया. मैं सवाल कर रही थी. उसने अपने आप को इस तरह से मेरी तरफ झुकाया की मेरा हाथ ठीक उसके लौड़े के ऊपर था. और मेरी चुन्ची उसकी छाती को छूने लगी थी. मैंने अनजान बनते हुए धीरे से अपना हाथ हटाया और उठते हुए कहा मैं इन पेपर्स की कोपी बना लेटी हूँ और कॉपी रूम में चली गई. बहार जाते हुए जब पलट के देखा तो वो मुझे एंड तक देखते हुए अपने लौड़े को सहला रहा था. मैं स्माइल दे के चली गई कॉपी लेने के बाद मुझे एक शरारत सी सूझी. मैं हमेशा कॉपी रूम में ही चुदना चाहती थी. अब इस से अच्छा मौका और नहीं मिल सकता था.

Previous Post Next Post