ससुराल में शादी में सीलतोड़ चूत चुदाई

ससुराल में शादी में सीलतोड़ चूत चुदाई

ससुराल में शादी में सीलतोड़ चूत चुदाई

ससुराल में शादी में सीलतोड़ चूत चुदाई

मैंने अपनी सेक्सी साली को चोदा ससुराल की एक शादी में. वो मेरी बीवी की चचेरी बहन थी, कुंवारी थी और अपनी पहली चुदाई का अनुभव लेना चाहती थी.



दोस्तो, मेरा नाम अरमान है. मैं दिल्ली में रहता हूँ, मेरी उम्र 29 साल की है और हाइट 6 फुट है.

आज मैं आप लोगों अपनी जिन्दगी के वो हसीन पल बताने जा रहा हूँ, जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था.



ये सेक्स कहानी जिसमें मैंने सेक्सी साली को चोदा, मेरी दूर की साली साहिबा और मेरे बीच हुए उस मिलन की है, जिससे मुझे एक नया एक्सपीरियेन्स मिला था.



ये बात अगस्त 2018 की है. मेरी सगी छोटी साली की शादी थी और मैं अपनी ससुराल मुंबई गया हुआ था.



अभी मेरी शादी को भी 8 महीने ही हुए थे.

तो मेरी पत्नी उधर सभी से मेरा परिचय कुछ अपने रिश्तेदारों से करा रही थी.
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उसी बीच मेरी पत्नी ने मुझे अपनी कजिन सिस्टर यानि मेरी साली साहिबा से भी मिलवाया. वो एक महीना पहले ही ऑस्ट्रेलिया से एमबीए करके वापस आई थी.



मैंने अपनी बीवी से उसके बारे में सुना बहुत था … लेकिन देख पहली बार रहा था.

वो देखने में एकदम अप्सरा की तरह थी. उसे देख कर लगा मानो आसमान से कोई परी को धरती पर उतार दिया हो.



उसकी हाइट 5 फुट 10 इंच थी. लंबे हाइलाइटेड बाल, फिगर 35-26-36 का रहा होगा.

उसने इस वक्त ब्लैक ड्रेस पहनी हुई थी. वो जिम वाली फिटनेस मेंटेन किए थी.

चूंकि मैं भी जिम लवर हूँ, तो बॉडी को देखते ही पहचान जाता हूँ.



मैंने उसे देखा तो बस देखता ही रह गया.

उससे कुछ बातें हुईं.



मैंने भी एमबीए किया है, तो हम दोनों आपस में इसी को लेकर कुछ बातचीत करने लगे.



उसी वक्त मेरी पत्नी को उसकी मम्मी ने आवाज़ लगा दी, तो वो चली गई.



हम दोनों ने दस मिनट तक बात की. फिर साली साहिबा ने मुझसे मेरा नंबर ले लिया और कहा- मेरे मतलब का कोई जॉब हो, तो मुझे बताइएगा.

मैंने बोला- हां ज़रूर.
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मैंने भी उसका नम्बर ले लिया और अलग होकर अपने अपने काम में इधर उधर हो गए.



मैं उसी रात अपने कमरे में अकेला लेटा हुआ था, सब कहीं ना कहीं शादी की तैयारी में बिज़ी थे.

मेरी पत्नी भी उधर ही कहीं लगी हुई थी.



रात के एक बज रहे थे. उसी समय मैंने साली साहिबा को दूसरे कमरे में जाते देखा तो दस मिनट बाद मैंने उसे व्हाट्सैप पर हाय लिख कर भेज दिया.



उसका भी रिप्लाई आ गया- हाय जीजू … आप अभी तक जाग रहे हैं! … सिमरन कहां है!

मेरी पत्नी का नाम सिमरन है.



मैंने बोला- वो तो शादी की तैयारी में बिज़ी है. आप कहां हो?

साली साहिबा ने बोला- मैं तो बोर हो रही थी … तो रूम में आ गई. बहुत सिर दर्द हो रहा है. ऑस्ट्रेलिया में ऐसा नहीं होता … इतना हौच पौच हो रहा है यहां.

मैंने बोला- जल्दी ही आदत पड़ जाएगी.



हमारी बातचीत कुछ पल के लिए रुक गई.



तभी उसका फिर से एक मैसेज आया- जीजू एक बात बोलूं, आप किसी को बोलेंगे तो नहीं?

मैंने कहा- हां बोलो.



साली साहिबा का मैसेज आया- कहीं से सिगरेट का अरेंज्मेंट हो सकता है क्या? बहुत तलब लग रही है.

मैंने बोला- अच्छा … तभी सिर दर्द हो रहा है.



उसने बोला- प्लीज़ जीजू.

मैंने बोला- छत पर आ जाओ … मैं लेकर आता हूँ. मुझे भी कंपनी मिल जाएगी.



मैं छत पर सिगरेट लेकर गया.

वो एकदम खुश हो गई और मुझे हग करके बोली- थैंक्यू सो मच जीजू.



जैसे ही वो मेरे सीने से लगी, उसके कड़क बूब्स मेरी छाती में धंस से गए और मुझे तो नशा सा चढ़ गया.



हम दोनों ने सिगरेट जलाई और बातें करने लगे.



मैंने पूछा- ऑस्ट्रेलिया में कोई ब्वॉयफ्रेंड!

उसने कहा- मुझे गोरों में इंटरेस्ट नहीं है. वो सिर्फ़ टाइम पास और घूमने-फिरने के लिए काफ़ी हैं.



मैंने बोला- हम्म … तो आपको इंडियन ही चाहिए!

वो बोली- बिल्कुल लेकिन इंडियन लड़कों को समझने के लिए ब्वॉयफ्रेंड बनाना भी ज़रूरी है.

मैंने बोला- हां ये भी सही बात है.



साली साहिबा बोली- परसों शादी में लड़के वाले आएंगे, उनमें से ही किसी को ढूंढ लूंगी … ईज़ी रहेगा.

इतना कह कर वो हंसने लगी.



मैंने बोला- लड़के वाले ही क्यों, लड़की वालों के यहां भी लड़कों की कमी थोड़ी है.

वो बोली- जीजू सब परिचित के हैं … किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता. कोई कब किससे क्या बोल दे … मुझे एक्सपीरियेन्स लेना है, शादी नहीं करनी उससे.



मैं बोला- तो एक काम करो मुझे अपना ब्वॉयफ्रेंड बना लो … मुझ पर तो भरोसा कर सकती हो ना!

वो मजाक़ समझ कर हंसने लगी और बोली- सिमरन मेरा मुँह नोच लेगी.



मैं बोला- नहीं सीरीयस … सिमरन को बताएगा कौन … मुझे भी नई गर्लफ्रेंड का कुछ एक्सपीरियेन्स मिल जाएगा.



वो दो मिनट तक तो चुप रही.

फिर एक स्माइल देकर मुझे आंख मारकर आगे बढ़ी और मुझसे हाथ मिला कर बोली- डन.



अब हम दोनों नीचे आ गए और अपने अपने रूम में चले गए.



अगले दिन थोड़ा व्हाट्सैप पर बात हुई. उसने मुझसे बारात के लिए 2-3 ड्रेस की पिक्स भेजीं कि कौन सी पहनूं.



मैंने एक गोल्डन लहंगा पसंद करके उसे बता दिया.



दूसरे दिन बारात का दिन था.

जब वो तैयार होकर आई तो मैं उसे एकदम से तो पहचान ही नहीं पाया.



वो मेरे सामने से मुझे आंख मार कर निकल गई.

जब वो पास से निकली, तब मैंने उसे पहचाना.



ग़ज़ब की माल लग रही थी. उसे देखते ही मेरा तो लंड खड़ा हो गया और बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया.



मैंने तभी उसे मैसेज किया कि यू लुकिंग सो ब्यूटीफुल … मुझे तुम्हें देखते ही कुछ हो रहा है.

वो बोली- मतलब!



मैं बोला- मतलब क्या हो सकता है … समझो.

वो बोली- मतलब बहुत कुछ हो सकता है जीजू … आप ज़रा खुल कर बताइए ना.



मैं हिम्मत करके बोला- साली साहिबा, मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है. मेरा मन कर रहा है कि तुम्हें कच्चा ही खा जाऊं.

साली साहिबा- खाने को आज बहुत कुछ है जीजू खाने में.



मैं- वो सब नहीं चाहिए आई वांट यू … इन डिनर.

साली साहिबा- ऊहह … रियली नॉट पासिबल जीजू … यहां कुछ नहीं हो सकता.



मैं- अगर तुम आधा घंटे के लिए तीसरी फ्लोर पर आ सको, तो आ जाओ. मेरे पास तुम्हारे लिए एक सरप्राइज़ है.

साली साहिबा- ओके … मैं दस मिनट में इधर मौका देख कर आती हूँ.



जैसे ही वो तीसरे फ्लोर पर आई, मैं उसे एक रूम में ले गया जहाँ बैंक्वेट हॉल का डेकोरेशन का सामान रखा था.

वो बोली- यहां क्या है?



मैं बोला- कुछ नहीं साली साहिबा तुम बहुत हॉट लग रही हो … इसलिए मुझसे रुका नहीं जा रहा है.

वो बोली- कोई आ ज़ाएगा.



मैं बोला- यहां 12 बजे तक कोई नहीं आएगा. अभी 3 घंटे हैं हमारे पास.



मैंने उसका चेहरा पकड़ कर अपने होंठों के करीब किया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.

हम दोनों ने 4-5 मिनट तक लंबी स्मूच की. इस बीच मैंने उसकी कमर में हाथ भी डाला और उसके ब्लाउज के ऊपर से उसके बूब्स भी दबाए.



इसे मेरी साली बहुत ज़्यादा सिड्यूस हो चुकी थी.

उसने उसी पल अपना ब्लाउज के बटन खोल दिए ब्लाउज उसके मम्मों से हट कर झूलने लगा.



उसने अपनी ब्रा को भी ऊपर उठा दिया और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी.

मैंने भी अपनी शर्ट उतार दी.



साली साहिबा को मैंने एक मेज पर लिटाया और उसके मम्मों पर किस करके निप्पल को चूसने लगा.



उसकी मादक आवाजें निकलने लगी थीं- आआ आहह अहह अरमान … गो डाउन गो डाउन.



मैं समझ गया कि साली साहिबा पहले भी ऐसा कुछ ज़रूर कर चुकी है.



तो मैं उसे किस करते हुए नीचे की ओर जाने लगा और उसका लहंगा ऊपर करके उसकी मरमरी टांगों पर चुम्मा करता हुआ उसकी काली पैंटी को उतारने लगा.



मैंने उसकी पैंटी उतारी तो सामने उसकी गोरी चूत थी.

उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. एकदम चिकनी चमेली चूत थी.



मेरा मन कर रहा था कि साली की चूत को खा जाऊं.

मैं उसकी चूत पर टूट पड़ा.



मैंने उसकी चूत को इतना चाटा इतना चाटा कि वो झड़ गई और उसने मेरे बाल पकड़ कर मुझे रोक दिया.



पर मेरी आग तो अभी नहीं बुझी थी. एक मिनट बाद मैंने अपना लंड पैंट से बाहर निकाला.

मेरा लंड फौलाद की तरह खड़ा था.



मेरे 7 इंच के लंड को देख कर साली साहिबा तो घबरा गई. वो बोली- ये कहां का रॉकेट है अरमान!

मैंने बोला- ख़ास तुम्हारे लिए ये रॉकेट आया है, जो तुम्हें एक नई दुनिया की सैर कराएगा. अब जल्दी से इसमें पेट्रोल भर दो, जिससे ये तुम्हें एक नई दुनिया में ले जा सके.



ये कहते ही मैं लंड निकाल कर मेज पर बैठ गया और वो झुक कर मेरे लंड को अपने मुँह में ले गई.



कुछ देर तक तो मुझे यकीन नहीं हुआ कि साली साहिबा सच में मेरा लंड चूस रही है.

उसने जमकर मेरा लंड चूसा.



मैंने पूरा लंड उसके मुँह मैं घुसा देना चाहा, पर वो उसके गले से टकरा जाता और वो घबरा कर लंड बाहर निकाल देती.



जब वो मेरा लंड चूसती, तो उसके चूचे तेज़ तेज़ हिल रहे थे. वो ऊपर से नंगी थी … ब्लाउज खुला था और ब्रा के शोल्डर डाउन थे.



मैंने वक्त को खोटी ना करते हुए उसे फिर से मेज पर लेटा दिया. उसका लहंगा ऊपर करके उसकी टांगें खोल दीं और उसे आगे को खींच कर लंड चूत के अन्दर डालने लगा.

पर उसे दर्द हो रहा रहा था.



तब मुझे पता लगा कि साली साहिबा अभी तक किसी से चुदी नहीं है इसने सिर्फ़ ऊपर ऊपर से ही मर्द के मज़े लिए हैं.

मैं सोचता था कि ऑस्ट्रेलिया में रही है तो सब कुछ कर चुकी होगी.

लेकिन मैं गलत था.

वो कुंवारी थी.



मैंने साहिबा का पर्स खोला, उसमें क्रीम रखी थी. मैंने अपने लंड पर क्रीम लगाई और थोड़ी से उसकी चूत की फांकों में भी लगा दी.



उसने टांगें खोल कर चूत चुदाई का इशारा कर दिया. मैंने लंड का सुपारा चूत की फांकों में सैट किया और एक धक्का उसकी चूत में दे मारा.

पहले शॉट में मेरा लंड कुछ अन्दर गया और वो ज़ोर से चिल्लाने को हुई.

मगर मैंने जल्दी से उसके मुँह पर हाथ रख दिया.



उसकी आंखों से आंसू निकल आए पर मैं जरा भी नहीं पसीजा.



मैंने धीरे धीरे करके पूरा लंड चूत के अन्दर घुसा दिया था.

अब वो भी मज़ा ले रही थी. उसकी चूत से रक्त भी निकलने लगा लेकिन मैंने उसे बताया नहीं.



एक मिनट बाद मैंने तेज़ झटके मारना शुरू किए. उसके बूब्स ऐसे हिल रहे थे जैसे खरबूजे रखे हों.



वो हल्की आवाज़ निकाल कर मजा ले रही थी- आअहह अम्म्म … उहह आहह अरमान डोंट बी स्लो बी फास्ट … मुझे मजा आ रहा है.

मैं धकापेल में लग गया.



पांच मिनट बाद मैंने उसे मेज से नीचे उतारा और मेज पर हाथ रख कर घोड़ी बनाकर झुका दिया. पीछे से उसकी चूत में फिर से लंड घुसा दिया.

इस बार उसकी चूत ने मेरे लंड का गर्मजोशी से स्वागत किया.



मैं पिल पड़ा और दस मिनट तक सेक्सी साली को चोदा. उसके बाद मैंने उसकी गांड पर अपना माल झाड़ दिया.

इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी पर उसमें सेक्स अभी भी बहुत था.



मैं झड़ तो गया था … लेकिन उसे एक बार चोदने से मन नहीं भरा था.



फिर साली साहिबा ने उधर रखे टिश्यू पेपर से मेरा लंड साफ किया और उसे फिर से चूसने लगी.



मैंने बोला- चलो डार्लिंग, वापस चलते हैं … कोई हम दोनों को ढूंढ ना रहा हो!

वो बोली- अरमान, एक बार फिर से प्लीज़.



मैं बोला- हनी आधा घंटा हो गया है, बारात के आने का भी टाइम भी हो रहा है, हमें चलना चाहिए.

वो बोली- ठीक है. लेकिन मैं बाद में छत पर आपका वेट करूंगी. ऊपर एक स्टोर रूम खाली है.



मैं उसकी बात सुनकर गर्मा गया और बोला- ठीक है मेरी जान.



उसने अपनी चूत साफ करते हुए ब्लड देखा और बोली- जीजू, साली आधी घरवाली होती है … आपने तो मुझे अपनी पूरी ही घरवाली बना लिया. चलिए एक सिगरेट पिलाओ … फिर चलती हूँ. नीचे सब वेट कर रहे होंगे.



हम दोनों ने एक ही सिगरेट में मजा लिया और नीचे चले गए.



उसे चलने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी … लेकिन थोड़ी देर बाद साली साहिबा ने सब अड्जस्ट कर लिया.



शादी से फ्री होने के बाद करीब 2 बजे रात को हम दोनों घर पहुंच गए.



सभी लोग नीचे हॉल में बैठे थे.

साली साहिबा का 2.45 पर मुझे मैसेज आया- मैं सिगरेट लेकर छत पर जा रही हूँ … जल्दी आओ.

मैंने ओके लिखा और चेंज करके छत पर चला गया.



वहां पहले हम दोनों ने सिगरेट पी और साली साहिबा मेरे लंड के आगे अपनी गांड लगा कर खड़ी हो गई.



उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी लोवर में डाल दिया और अपनी चूत पर रख दिया.

मैं अपने हाथ से उसकी चूत से खेलने लगा.



उसकी चूत से बहुत पानी आ रहा था. मैंने अपनी उंगली चूत में डालकर उसे पागल कर दिया.



उसने छत पर ही अपनी चूत को खोल दिया.



पर मैं डर की वजह से उसे स्टोर रूम में ले गया और उसे पूरी नंगी करके देखा.

मैंने पहली बार सेक्सी साली को पूरी नंगी देखा तो दिल बाग बाग़ हो गया.

बनाने वाले ने क्या माल बनाया था.

उसकी चूचियां देख कर मेरा लंड फौलाद हो गया और फड़फड़ाने लगा.



मैं भी नंगा होकर एक लकड़ी की कुर्सी पर बैठ गया.

मैंने साली साहिबा को इशारा किया तो वो नजदीक आ गई. मैंने उसे अपने लंड पर बैठा लिया.



मेरा पूरा लंड उसकी चूत के छेद को चीरता हुआ अन्दर तक सरसराता चला गया.

शायद वो पहले से ही बहुत चिकनी चूत करे लंड का इंतजार कर रही थी.



उसके मुँह से एक लम्बी आह निकली मगर उसने दांत भींच कर पूरा लंड चूत की जड़ तक ले लिया.



मैंने अपने हाथों में उसके मदमस्त दूध पकड़े और हम किस करने लगे.



साली साहिबा अपनी गांड हिला रही थी और थोड़ा थोड़ा उछाल मार रही थी.

मैंने उसे धकापेल चोदना शुरू कर दिया था.



करीब दस मिनट बाद उसकी चूत में सुर्खी आ गई और उसने कहा- मैं गई!

उसके जाते ही मैंने भी उसकी चूत में अपना माल छोड़ दिया.



कुछ देर बाद हम दोनों छत से नीचे आ गए और साली साहिबा के रूम में घुस गए.

वहीं हम दोनों साथ में नहाए और बाथरूम में ही मैंने साली साहिबा की चूत पर अपनी पेशाब की धार मार दी.

वो भी अपनी चूत को थोड़ा खोल कर खड़ी थी. मैंने सामने खड़े होकर उसकी चूत को अपने मूत से नहला दिया.



उधर एक बार फिर से सेक्स किया और मैं अपने कमरे में आ गया.



फिर ऐसे ही मैंने सेक्सी साली को 6 महीने में 27 बार चोदा.

मेरा जब भी मन होता, मैं सुबह की फ्लाइट से जाता और होटल में उसे चोद कर शाम तक वापस आ जाता.



उसके बाद उसकी शादी हो गई और वो अपने पति के साथ चली गई.



अब वो मेरे बच्चे को भी पैदा करने वाली है, ऐसा इसलिए हुआ कि उसका पति बंगलोर में जॉब करता है और महीने में सिर्फ़ 2 दिन के लिए आता है.

साली साहिबा अपने पति से संतुष्ट नहीं है.



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