Mama Bhanji ki Chut Mein Mota Lund Dala

Mama Bhanji ki Chut Mein Mota Lund Dala

Mama Ji Bhanji ki Chut Mein Mota Lund Dala

 

Mama Ji Bhanji ki Chut Mein Mota Lund Dala

मेरा नाम लवली है। मैं सुल्तानपुर की रहने वाली हूँ। मैं 24 साल की जवान लडकी हूँ। अभी मेरा B.Sc फाइनल चल रहा है। मैं जवान और खूबसूरत हूँ। मेरा फिगर बिलकुल दीपिका पादुकोण की तरह है। 34 30 36 का फिगर है मेरा। मुझे देखते ही लड़को के लंड खड़े हो जाते है। सब मुझे चोदने के जुगाड़ में रहते है। पर मैं सिर्फ स्मार्ट लड़को से चुदवाती हूँ। मेरे एक ही मामा है जिनका नाम हरिशंकर मामा है। वो हफ्ते में रोज ही मेरे घर आ जाते थे। जबसे मेरे पापा की मौत हुई थी मामा ही घर के खर्च के लिए पैसा देते थे। वो बहुत अच्छे थे और मेरा, मेरे भाई और माँ का बड़ा ख्याल रखते थे। धीरे धीरे मैं जवान होती चली गयी और मामा की नियत अब मुझे चोदने की होने लगी।

 

दोस्तों मेरे घर में सिर्फ तीन लोग ही थे मैं, भाई और माँ। जब भी मामा जी आते मैं ही उनके लिए चाय नाश्ता बनाती थी। इतना ही नही उन्होंने हमारे घर को बनवाने के लिए काफी पैसा दिया था पर मुझे नही मालुम था की एक दिन वो मुझे चोदकर सब वसूल कर लेंगे। एक दिन जब मैं मामा जी को खाना देने गयी तो मुझे पास ही बिठा लिया और चिकनी चुपड़ी बाते करने लगे। मैं समझ नही पा रही थी की क्या हो रहा है।

 

लवली बेटी!! कभी इस तरह के विडियो देखे है??” मामा जी बोले

 

और फोन में चुदाई वाले विडियो दिखाने लगे। उसमे लड़का लड़की आपस में किस कर रहे थे। मैं देखने लगी। धीरे धीरे मामा ने मुझे अपने से चिपका लिया और जबरदस्ती दिखाने लगे। फिर मुझे भी गाल पर किस करने लगे। इस तरह से उन्होंने मुझे चुदाई का लेसन सिखाना शुरू कर दिया। मैं जब जब उनके लिए कुछ चाय नास्ता लेकर जाती मुझे पास बिठा लेते और हाथ पकड़कर प्यार करते। अब मैं समझ गयी थी की वो मुझे चोदने के मूड में आ गये है। एक दिन जब मेरी माँ कही गयी थी उस दिन मामा ने फिर से मुझे विडियो दिखाना शुरू कर दिया।

 

लवली बेटा!! आज हम तुम बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड वाला नाटक का खेल खेलते हैमामा जी बोले

 

ओकेमैं बोली

 

आज तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनने की एक्टिंग करोवो बोले

 

ठीक है मामा जीमैं बोली

 

उसके बाद मुझे बेड पर ले गये और अपनी गोद में बिठा लिए। फिर मुझे सब जगह किस करने लगे। मैं उस दिन लाल टॉप और स्कर्ट पहनी हुई थी। मामा ने मेरे बाल खोल दिए। खुले में मेरे काले बाल बड़े सेक्सी दिख रहे थे क्यूंकि वो घने और लम्बे थे।

 

अब लवली बेटे मुझे गर्लफ्रेंड की तरह किस करोमामा बोले

 

Mote Lund Se Bhanji Ki Chudai

मैं उनको किस करने लगी। फिर वो अपनी तरफ से करने लगे। ऐसे हम दोनों का चुम्मा चाटी चालु हो गया। उसके बाद हम दोनों ही चुदासे बन गये। हरीशंकर मामा ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रखकर कसके चूसने लगे। मुझे गर्मी चढ़ गयी। जोश आ गया और अब मेरा भी चुदने का दिल अंदर से करने लगा। मैं भी जोश में आकर उनके लिप्स चूसने लगी और दोनों साइड से होठ का किस चालू हो गया था। अब मुझे बड़ा आनन्द मिल रहा था। मेरे लाल रंग के टॉप से मेरी 34 इंच की हरी भरी चूचियां मेरे मामा जी को दिख रही थी। वो हाथ लगाकर टच करने लगे और दाबने लगे। मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा हा हा सी सी सीकरने लगी। अब मामा जी और कामुक हो गये। मेरे टॉप के उपर से दूध दबाने लगे। कस कसके दबाने लगे। मेरी आहे और जादा तेज हो गयी थी। आज पहली बार कोई मर्द मेरे दूध मसल रहा था। चुदने को तडप रही थी मैं।

 

भांजी!! तेरे दूध तो अब काफी बड़े हो गये हैमामा जी बोले

 

तो मुंह में लेकर चूस लीजिये मामा जीमैं बोली

 

दोस्तों उसके बाद वही हुआ। मामा ने मेरे टॉप को उतरवा दिया। मैंने अंदर समीज पहन रखी थी। मेरे 34 की बड़ी बड़ी चूचियां समीज के उपर से गदर मचा रही थी। मामा ने मुझे फिर से गोद में बिठा लिया और चूची को दबाने लगी। मामा की नजरो में सिर्फ हवस थी। इधर मैं भी आज लंड खाने के मूड में थी। मामा जी सफ़ेद समीज के उपर से मेरी दूध को मुंह में लेकर चूसने लगे। कुछ देर उपर से मसल रहे थे मेरे दोनों मस्त मस्त आम को।

 

फिर समीज भी उतरवा दी। अब मैं नंगी हो गयी। मेरे काले लम्बे बाल खुले हुए थे और मेरे दोनों आम को ढंक रहे थे। मामा ने मेरे बालो को पकड़कर पीछे कर दिया। फिर मेरे दूध को हाथ में ले लिया। मेरी एक एक मुसम्मी आधा आधा किलो की थी। मेरे चूची इतनी कामुक थी की कोई भी सिर्फ देखकर ही झड़ जाता। मामा ने अपनी शर्ट बनियान उतार दिया और उपर से नंगे हो गये और मुझे फिर से गोद में ले लिया। सेक्सी होकर मुझे अपने सीने से चिपका लिया और बड़ी जोर का हग दिया। अब मैं और हरीशंकर मामा जी दोनों की उपर से नंगे थे।

 

मेरे दूध सफ़ेद थे और कसे कसे थे। जबकि मेरी निपल्स काली काली गोल भूरे छल्लो के घिरे हुए थे। मामा ने मेरी लेफ्ट साइड वाली चूची को पकड़ा और मुंह में डाल लिया और मस्ती से चूसने लगे। मैं बेचैन होकर “……अईअई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगे। मामा चूसने लगे। मैं भी मजे काटने लगी। वो मेरी उभरी, जवानी के रस से भीगी चूची की निपल्स अच्छे से चूसने लगे। मैं बेचैन हो रही थी। उनको पिला रही थी।

 

ओह्ह मामा जी!! you are so great!!” suck me hard सी सी सीहा हा..मैं बोल रही थी

 

वो दांत चला चलाकर चूस रहे थे। मेरी नर्म नर्म छाती को अपने पैने दांतों से चबा चबाकर छलनी कर रहे थे। मैं कसक रही थी, भेड़ की तरह मिमिया रही थी। पर मामा जी मेरी जवानी चूसने में मस्त थे। फिर मेरी दूसरी छाती भी मुंह में लेकर पीने लगे। मैं जन्नत में पहुच गयी थी। मामा ने आज मुझे जवानी का सुख दे दिया था। मेरे अंदर की कामुकता को जागृत कर दिया था।

 

चलो लवली बेटा लेट जाओ!!हरीशंकर मामा जी बोले

 

मुझे पलंग पर लिटा दिया। मेरी स्कर्ट खोल डाली। अब मेरी चूत पर वो आ गये। मैंने गुलाबी रंग की जाली वाली पेंटी पहनी थी। मामा उपर से जीभ लगाकर चाटने लगे।

 

ये आप क्या कर रहे है???” मैं बोली

 

बेटी!! तेरी चूत के फूल को खिला रहा हूँ। अभी तेरे को भरपूर मजा मिलेगामामा जी बोले

 

पेंटी के उपर से ऊँगली लगाकर मेरे बुर के दाने को घिसने लगे। और जीभ लगाकर चाटने लगे। मैं “……अईअई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगी। फिर पेंटी को उतार दिया। अब मेरी मस्त मस्त बुर का दर्शन करने लगे। दोस्तों मैं तो काफी गोरी थी पर मेरी चूत सांवली सलोनी थी। मामा जी जीभ लगाकर उसका रस चाटने लगे। मैं उछल पड़ी क्यूंकि मुझे गुदगुदी हो रही थी। मामा जी मेरे चूत के फूल को अच्छी तरह मुंह लगाकर चाटने चूसने लगे। मैं अपनी कमर और गांड हवा में उठा रही थी क्यूंकि मुझे बहुत अधिक नशा मिल रहा था।

 

“ohh!! yes yes yes मामा जी जी!! मेरी चूत में अपनी नुकीली जीभ घुसाकर चूसो!!मैं कहने लगी

 

उसके बाद तो मामा जी बड़े चुदक्कड मर्द बन गये और मेरे पैर खोलकर अच्छे से मेरी बुर पीने लगे। जैसे लोग मलाई को चाटते है वैसे चाट रहे थे। मेरी चूत के भगोष्ठ बड़े बड़े थे, फिसलन भरे और चमकदार चूत के ओंठ थे। बिलकुल जेली जैसे दिखते थे उसे मामा जी अपनी खुदरी जीभ से खुरच खुरच कर चाट रहे थे। मैं अई…..अई….अईअहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” बोलकर झड़ने वाली थी। मामा जी कई मिनट तक मेरे चूत के दाने को किसी रसीली लीची समझकर चूसते रहे। उनको भरपूर मजा मिल गया। फिर मैं झड़ गयी। मेरी चूत से जो रस निकला उसे मामा जी पी लिए।

 

मामा जी!! आज आपने मुझे बड़ा मजा दे दियामैं बोली

 

दोस्तों अत्यधिक उत्तेजना की वजह से मेरी चूत की वेदी फूलकर कुप्पा हो गयी थी। मेरी चूत किसी जलेबी की तरह रस से नहा गयी। मामा की खुदरी जीभ अब भी मेरी फिसलनभरी चूत में सरक रही थी। मैं अपने पेट को बार बार उठा रही थी। मैं पागल हो रही थी। मामा जी आज मेरी बुर को खा लेना चाहते थे। मैं चुदने के लिए मचल रही थी।

 

आहहहहह मामा जी!! अब देर मत करो। डाल दो अपना लंड मेरे चूत में और कसके चोद दो मुझे!!मैं कामातुर होने कहने लगी

 

हरीशंकर मामा ने अब अपनी पेंट खोली और उतार दी। अपना कच्छा खोलकर अपने 10 इंच लंड को फेटने लगे। उनका लौड़ा किसी गधे के लौड़े की तरह बड़ा सा था। मुठ दे देकर चूसने लगे। फिर लंड को हाथ से पकड़ लिया और मेरी चूत की गद्दीदार वेदी को पीटने लगे। मैं आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हहसी सी सी सी..हा हा हा..करने लगी। मामा ने अपने मोटे सुपारे से मेरी चूत की पिटाई कर डाली। फिर सुपारे को मेरी बुर के लिप्स पर घिसने लगे। मैं कसक उठी। गर्म गर्म सांसे अपनी नाक से छोड़ने लगी। मामा भी चुदासे हो गये और जोर जोर से घिसने लगे। फिर लंड को मेरी बुर के छेद पर रखकर अंदर डालने लगे। मैं दर्द से काँप उठी। मामा का लंड मेरी चूत में घुस गया। अब वो मुझे चोदने लगे। मैं और तेज तेज आवाज निकालने लगी।

 

मामा जी और जल्दी जल्दी पेलो!! फाड़ दो मेरे भोसड़े को!!मैं किसी रंडी की तरह बोली

 

अब तो हरीशंकर मामा जी मेरी दोनों टांग खोलकर जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगे। मेरी कसी कसी चूत में उनका 10 इंची लंड किसी खूटे की तरह गड़ा हुआ था। वो जल्दी जल्दी संहार करने लगे। फटाफट फटके मार मारके मजा देने लगे। मैं मस्त होकर चुदवाने लगी। “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँहूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अईअईअई…..”करने लगी। वो मेरी कसी कसी बुर में लंड घुसाकर मुझे बेदर्दी से चोद रहे थे। मुझे दर्द भी हो रहा था और आनन्द भी मिल रहा था। एक बार वो फिर से मेरे चिकने बदन पर लेट गये और मेरी 34 इंच की रस से भरी चूची को हाथ से दबोटने लगे। दबाने, मसलने, लगे। मुंह में लेकर काटना शुरू कर दिए। फिर चूसने लगे। मेरी हालत खराब कर दी। हरीशंकर मामा जी अब मेरे स्तन पी पीकर मेरी चूत में लंड घुसा रहे थे। मेरा भोसड़ा फाड़ रहे थे। मैं भी कामुक होकर अपनी गांड और कमर उठाने लगी। हा हा हाबोलकर वो धक्के पर धक्के देते रहे। और अब झड़ने वाले हो गये।

 

मामा जी!! मेरे बिल में ही अपना माल छोड़नामैं बोली

 

अब वो और जोर जोर से धक्का मारते हुए मेरी बुर में ही झड़ गये। मैं उनको कसके सीने में दबा ली।

 

क्यों रंडी!! मजा आया की नहीवो पूछने लगे

 

मामा जी!! आज आपने अपनी भांजी को चोद चोदकर अपनी रंडी बना दियामैं कही

 

उसके बाद वो फिर से मेरे लब चूसने लगे। फिर मामा चले गये। कुछ दिन बाद वो फिर आये। मेरी माँ उसके पास जाकर बाते करने लगी। मेरी माँ उनको अपना प्यासा भाई समझती थी पर माँ को क्या पता था की उनका भाई ही उनकी बेटी को चोद चूका है और इज्जत लूट चूका है।मामा जी माँ से बात कर रहे थे पर उनकी हवस में डूबी नजरे मुझे ही देख रही थी।

 

बहन लवली किधर है दिख नही रहीमामा जी बोले

 

मैं उस समय अपने कॉलेज गयी हुई थी। जैसे ही मैं आई तो हरीशंकर मामा मुझे देखकर बड़े खुश हो गये। मैं कॉलेज की ड्रेस पहनी हुई थी। सफ़ेद रंग का सलवार सूट मैं पहनी थी।

 

लो भैया!! लवली आ गयीमाँ मुझे देखकर बोली

 

मामा जी मुझे देखकर मुस्कुराने लगे। मैं अपने कमरे में चली गयी। पीछे पीछे मामा आ गये और मेरे कमरे में घुस आए। मुझे पकड़ लिया और ओंठ पर ओंठ लगाकर चूसने लगे। फिर मेरी सलवार के उपर से मेरी चूत सहलाने लगे।

 

आप ये क्या कर रहे है??? माँ जान जाएगीमैं घबराकर बोली

 

मुझे तेरी गांड मारनी है अभी!! चल कपड़े उतार रंडी!!मामा जी बोले

 

छिनाल!! जल्दी से कपड़े उतार दे वरना फाड़ दूंगा। अभी तेरी गांड चोदूंगामामा बोले

 

जबरदस्ती मेरे कपड़े उतरवा दिए। दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और कुण्डी लगा दी। मुझे बिस्तर पर कुतिया बना दिया। फिर जल्दी जल्दी मेरी कुवारी गांड के भूरे छेद को चाटने लगे। मेरे मस्त मस्त चूतड़ पर पापा हाथ लगा लगाकर सहलाने लगे। खूब मजा मिल रहा था। मामा जी मेरे उभरे मुलायम चूतड़ दबा दबाकर रस निकालने लगे। उसे दांत गड़ाकर काट लेते थे। मैं उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआसी सी सी सी….. ऊँऊँऊँ….” कर रही थी। फिर वो अपनी जेब से एक मोटा डिलडो निकाले। उन्होंने मेरी गांड चोदने के लिए डिलडो ओनलाइन ख़रीदा था। उसमे तेल लगाकर मेरी गांड के कुवारे छेद में घुसाने लगे।    

 

मुझे बहुत दर्द हो रहा था। अंत में पूरा 6 इंच घुसा दिए और अंदर बाहर करने लगे। मुझे बड़ा नशा मिल रहा था। इस तरह से डिलडो लेकर मेरी गांड चोदने लगे। मैं जोर जोर से कराह रही थी। फिर अंत में अपनी पेंट खोलकर लंड निकाल दिए। मेरे पीछे आ गये और गांड के बिल में लंड तेल लगाकर घुसा डाले और जल्दी जल्दी मेरी गांड चोदने लगे। मैं पागल होकर हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँऊँऊँ सी सी सीहा हा.. ओ हो हो….” करने लगी। मामा जी आज मेरी गांड चोदन का महान पर्व मना रहे थे। अपनी हवस को मुझसे शांत कर रहे थे। दरवाजा अंदर से बंद था। तभी मेरी माँ आ गयी और कुण्डी खटखटाने लगी।

 

 

तुम भांजी मामा क्या कर रहे हो। चाय बन गयी है। चलो पियो आकरमेरी माँ बाहर से बोली

 

बहना तुम चलो!! मैं 2 मिनट में लवली हो लेकर आ रहा हूँमामा बोले

 

तो मेरी माँ चली गयी। उसके बाद जल्दी जल्दी मेरी गांड चोदने लगे और मजा काट रहे थे। मैं कुतिया बनी रही और “……मम्मीमम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँऊँउनहूँ उनहूँ..की तेज तेज आवाजे निकाल रही थी। फिर जोर जोर के धक्के देते देते मामा गांड में ही झड़ गये। मेरी गांड उनके सफ़ेद चिपचिपे माल से भर गयी थी। अब मैं उनकी खास रंडी बन गयी हूँ। जब मन करता है मेरे घर आते है। मेरे दोनों छेद में लंड घुसाकर पेलते है।

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