Kele bechne wale ko diya gand chudai

Kele bechne wale ko diya gand chudai

Kele bechne wale ko diya gand chudwai

 

केले बेचने वाले से चूत चुदवाई - Kele bechne wale ko diya gand chudai, केले वाले से चुदाई , Kele Wale Se Chut Chudai , मेरी चूत में केले वाले का लिंग, सब्जी वाले ने अपना मोटा केला मेरी चूत मे डाला.


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मैं उन दिनों २६ साल की थी और मेरी शादी अभी एक साल पहले ही हुई थी। मैं अपने पति के साथ अकेली दिल्ली में रहती थी। घर मेरा बड़ा था और अच्छी जगह पर था। आस पास सारी सुविधाएँ थीं। घर के सामने सड़क पर फेरी वाले बहुत आते थे जिनसे मैं घर की सब्जी, भाजी, फल वगैरह खरीदा करती थी। मैं एक हाउस वाइफ हूँ और पति के ऑफिस जाने के बाद घर का काम किया करती हूँ। घर की मेड सर्वेंट सवेरे सवेरे ही काम कर चली जाती थी। एक दिन मेरी नज़र एक केले वाले लड़के पर पड़ी। उसे देख कर मैं सोंचने लगी की लड़का तो अच्छे घर का लगता, जवान हैं स्मार्ट भी है तो फिर ये केले क्यों बेचता है ? खैर बात आई गई हो गयी लेकिन वह हर रोज़ आता था और मेरी नज़र उस पर पड़ ही जाती थी। होते करते हुआ यह की मैं उससे केले खरीदने लगी। हर दूसरे दिन मैं उससे केले लेने लगी। केले लेते समय मैं उसे देखा करती थी और वह भी मुझे देखा करता था।

मेरा नाम महिमा चौधरी है। मैं गोरी चिट्टी हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट भी हूँ। मुझे पोर्न देखने का बड़ा शौक है और साथ साथ हिंदी की सेक्स कहानियां पढ़ने का भी। पोर्न में मैं अधिकतर लण्ड देखती हूँ। हर तरह के लण्ड देखती हूँ। हर रंग के लण्ड देखती हूँ। लड़कियां लण्ड कैसे पकड़तीं है, कैसे हिलाती है, कैसे चूमती चाटती है, कैसे मुंहे में लेकर चूसतीं हैं और कैसे लण्ड अपनी चूत में पेलती हैं। मैं ये सब देखते देखते अच्छी तरह सीख गयी। मुझे लण्ड से खेलना अच्छी तरह आता है। मैं जब उससे केले खरीदती थी तो उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगती थी। जबसे मुझे मालूम हुआ की हर आदमी का लण्ड अलग अलग होता है तब से मैं सबका लण्ड देखने और पकड़ने के लिए लालायित रहती थी। यही कारण है की मैं 16 साल की उम्र से ही कॉलेज के लड़कों के लण्ड पकड़ने लगी और फिर धीरे धीरे चुदवाने भी लगी।

मुझे जब कोई मेरे मन का लड़का या आदमी दिखाई पड़ता है तो मैं उसका लण्ड पकड़ कर देखने की कोशिश जरूर करती हूँ और आखिर कार कामयाब भी हो जाती हूँ। अब मैंने मन बना लिया था की मैं इस केले वाले का लण्ड जरूर पकड़ूँगी और उसे अपनी चूत में भी पेलूँगी।

एक दिन जब मेरा पति ऑफिस चला गया तो उसके आधे घंटे के बाद केले वाला आ गया। उसने आवाज़ लगाई तो मैं बाहर निकली और उसे बुला कर अंदर बैठा लिया। उसने अपनी डलिया अंदर रख दी और मुझे केले दिखाने लगा।
मैंने पूंछा - तुम्हारा नाम क्या है केले वाले।
वह बोला - करण है मेरा नाम ?
तुम्हारी उम्र कितनी है।
जी 25 साल।
अच्छा तो कोई बढ़िया केला दिखाओ।
मेम साहिब ले लो ये बड़ा भी है खाने में भी अच्छा होगा।
नहीं मुझे कोई मोटा तगड़ा केला दिखाओ।
तो फिर ये ले लो ये मोटा भी है और खूबसूरत भी।
मोटा होने के साथ साथ सख्त भी होना चाहिए तभी मैं लूंगी।
तो फिर तुम ही छांट लो न जो तुम्हे पसंद हो वो ले लो।
मेरी नज़र उसकी पजामा पर थी। उसका लण्ड मेरी आधे से ज्यादा नंगी नंगी चूँचियाँ देख देख कर उछाल मार रहा था। मैंने उसके लण्ड की तरफ इशारा करके कहा मुझे तेरे केले जैसा केला चाहिए। तुम यही केला दिखाओ न मुझे ?
वह शर्माते हुए बोला अरे मेम ये कैसे दिखा सकता हूँ ।
मैंने फिर ऊँगली दिखा कर कहा अब तुम सीधे सीधे मुझे अपना ये वाला केला दिखा दो। मैंने उसके लण्ड पर हाथ मार कर कहा.
फिर मैंने उसका नाड़ा खोल डाला।
वह बोला मेम साहिब मैंने नीचे कुछ नहीं पहना है। मैं नंगा हो जाऊंगा।
तो हो जा न। दरवाजा बंद है. यहाँ मेरे अलावा कोई और नहीं है ।

उसका पजामा नीचे गिर गया तो मैंने उसका अध् टन्ना लण्ड पकड़ लिया और मुस्काकर बड़े प्यार से बोली वॉवो तेरा केला तो सबसे बढ़िया है, करण। मुझे तो बस यही केला चाहिए। देखो न मेरे हाथ में आते ही कितना बड़ा हो गया है ? मैंने उसे स्केल से नापा तो 9" का निकला। मेरी चूत साली और गन गना उठी। फिर मैं भी अपनी चूँचियाँ पूरी तरह खोल दीं। वह चूँचियाँ देख कर मस्त हो गया। उसका लौड़ा और कड़क हो गया। मैंने देखा की उसकी झांटें बड़ी बड़ी हैं और उसका बदन भी थोड़ा गंदा है। तो मैंने उसे बैठा दिया और झांटें बनाने वाली मशीन ले आयी। मैंने उसकी झांटें एकदम साफ़ कर दीं। उसके पेल्हड़ की भी झांटें साफ़ कर दीं फिर मैं उसे सीधे बाथ रूम में ले गयी और उसे साबुन लगा लगा कर खूब नहलाया। उसने भी मेरी चूँचियों पर साबुन लगाया मेरी चूत पर और मेरी गांड में भी साबुन लगाया। मेरे चूतड़ों पर साबुन लगाया। हम दोनों ने एक दूसरे की खूब मस्ती से नहलाया। बीच बीच में मैं उसके लण्ड से खेलने भी लगी ।

नहा धोकर जब वह बाहर आया तो सच में बड़ा प्यारा लग रहा था और मुझे उसके लण्ड से प्यार हो गया। मैं बाहर आकर उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी दोनों टांगों के बीच बैठ कर लण्ड मुठ्ठी में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। मैं भी पूरी तरह नंगी और वह भी पूरा नंगा। मुझे वह बहुत की मस्त और लग रहा था। फिर मैं उसके बगल में लेट गयी तो वह मेरी चूँचियाँ चाटने लगा। निपल्स पीने लगा। मेरी गांड सहलाने लगा मेरी चूत पर हाथ फिराने लगा और बोला मेम तुम बाउट खूबसूरत हो। इतनी खूबसूरत लड़की मैं आज तक देखी ही नहीं थी। मैं तो सच में बड़ा लकी हूँ। फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गयी और अपनी चूत उसके मुँह पर रख दी। मैंने कहा लो अब तुम मेरी बुर चाटो। सच बड़े मजे से चाटने लगा बुर और मैं झुक कर चाटने लगी उसका लण्ड। मैंने अपने बालों का जूड़ा बाँध लिया था ताकि लण्ड चाटने चूसने में कोई दिक्कत न हो ? हम दोनों बन गए 69 . मुझे उसका लौड़ा चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था।

मुझे उसका लण्ड बड़ा स्वादिस्ट लग रहा था। मैंने पूंछा करण तेरा लण्ड कितनी लड़कियों ने चूसा है। वह बोला अरे मेम मेरा कौन चूसती है ? कोई नहीं ? मैं तो एक गरीब लड़का हूँ। लड़कियां तो अमीर लड़कों के लण्ड चूसती हैं। मैंने कहा नहीं करण आज से तुम गरीब नहीं हो। तुम अमीर हो। तेरा लण्ड तो तुमसे ज्यादा अमीर है। जितना तुम पैसा पैदा कर करते हो उसे कहीं ज्यादा तेरा लण्ड पैसे पैदा कर सकता है। अरे मेम साहिबा क्यों मजाक कर रही हो। मैंने कहा तेरी मेम साहिबा की माँ की चूत ? तेरी मेम की बहन का भोसड़ा। मुझे मेम साहिबा मत कहो। मुझे तो भाभी कहो ? भाभी जी कहो। मेरी प्यारी भाभी कहो। मेरी बुर चोदी भाभी कहो। सच में मैं तेरी भाभी हूँ। समझे भोसड़ी के करण ? वह मेरी बात पर हंसन लगा और उसके लण्ड में एक जोर का उछाल आ गया। इससे मुझे मालूम हुआ की उसे मेरी गालियां अच्छी लग रहीं हैं और वह मज़ा ले रहा है। लण्ड जितना तनेगा उतना मोटा होगा और तब मुझे चुदाने में ज्यादा मज़ा आएगा।

मैंने कहा करण अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है। अब तुम पेल दो अपना लण्ड मेरी चूत में, चोद लो अपनी भाभी की बुर। वह भी जोश में था तो उठा और मुझे बेड के एक कोने में मेरी गांड के नीचे तकिया लगाकर मेरी चूत अपनी तरफ उठा ली। वह ज़मीन पर खड़ा हो गया और मेरी टांगें अपने कंधे पर रख लीं। लण्ड सीधे चूत के मुंह पर रख दिया और बोला भाभी पेल दूँ लण्ड ? मैंने कहा हां पेल दो। पूरा घुसेड़ दो। फाड़ डालो मेरी बुर। उसने एक धक्का मारा तो पूरा लण्ड घुस गया अंदर और मैं उई माँ कह बैठी। फिर उसने लण्ड बार बार अंदर बाहर किया और रास्ता बना लिया। चूत भी गीली थी और लण्ड भी। इसलिए रास्ता बड़ी जल्दी बन गया। वह पागलों की चोदने लगा मेरी चूत मैं भी रंडी की तरह अपनी गांड से धक्का लगा लगा कर चुदवाने लगी। उसने रफ़्तार बढ़ा दी तो मैं भी साथ देने लगी।

मेरे मुंह से मस्ती में निकलने लगा - हाय मेरे राजा और चोदो। खूब धमाधम चोदो मुझे। फाड़ दो मेरी बुर चोदी बुर। हाय रे बड़ा मज़ा आ रहा है। इस तरह मुझे अब तक किसी ने नहीं चोदा। पूरा पेल पेल के चोदो लण्ड। वाओ क्या लौड़ा है तेरा। भुसावल का केला जैसा है तेरा लण्ड बहन चोद। भोसड़ा फाड़ने वाला है तेरा लण्ड। हां हां उई ओ हो चीं हूं चूं च क्षा ची चो हो आ हो हां हां आये हाय। वह मेरी उछलती हुई चूँचियाँ देख देख कर चोदे चला जा रहा था। मैं सोंचने लगी की अब मैं इससे हर दिन चुदवाऊंगी। मैंने सोंचा की अगर ऐसा ही एक और लौड़ा मिल जाए तो दो लौंड़ों से एक साथ चुदाने में कितना मज़ा आएगा। मैं इसी ख्याल में धकाधक चुदवाये चली जा रही थी और मस्ती से लण्ड का मज़ा लेती जा रही थी।

मैंने कहा करण अब मुझे अपने लण्ड पे बैठा के चोदो। वह फ़ौरन नीचे लेट गया और मैं लण्ड पर बैठ गयी। 9" का लण्ड बहन चोद पूरा मेरी चूत में घुस गया। अब मैं अपना शरीर ऊपर उठती और नीचे गिराती। मैं यही बार करने लगी और वह भी नीचे से मेरा साथ देने लगा। नतीजा यह हुआ की मैं अच्छी तरह चुदने लगी। मेरी बुर चुदने लगी। मुझे इस तरह चुदवाने में भी खूब मज़ा आता है। मैं बैठी बैठी कभी आगे चुदवाने लगाती और कभी पीछे झुक कर। मुझे ये सब ब्लू फिल्म से मालूम हुआ था। मुझे लगा की अब मेरी चूत ढीली होने वाली है ,मैं खलास होने वाली थी। मेरी छुटबॉल गाईभोसड़ी वाली। तब तक वह भी बोला भाभी अब मैं निकल जाऊंगा। मैंने कहा यार मैं निकालूंगी तब तू निकलेगा। मैं उसके लण्ड का बड़े प्यार से अपना मुंह फैलाये हुए सड़का मारने लगी। मुठ्ठी से मैंने लण्ड 10 /12 ऊपर नीचे किया तो भक्क से निकल गया उसका वीर्य जिसे मैं मस्ती से पी गयी और सुपाड़ा।

हम दोनों फिर बाथ रूम गए और वहां से फारिग होकर बाहर आ गए।

मैंने पूंछा - करण, तेरा कोई दोस्त है जिसका लौड़ा तेरे लौड़े जैसा हो ?

वह बोला - हां है न मेरा दोस्त करन ?

मैंने पूंछा - तुमने देखा है उसका लौड़ा ?

उसने बताया - मैंने तो अकसर देखता हूँ।

मैंने कहा - अच्छा कैसे दखते हो उसका लौड़ा ? क्या तुम एक दूसरे की गांड मारते हो ?

वह बोला - अरे नहीं भाभी। हम लोग एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। वह मेरे सामने मेरी बीवी चोदता है और मैं उसके सामने उसकी बीवी चोदता हूँ। इसलिए मैं उसके लण्ड के बारे में जानता हूँ। मेरी बीवी ससुरी मुझसे

कम करन से ज्यादा चुदवाती है और उसकी बीवी उससे कम मुझसे ज्यादा चुदवाती है।

मैंने कहा - यही तो बीवियों की फितरत होती है यार। बीवियां बुर चोदी अपने मर्द से नहीं पराये मर्दों से ज्यादा चुदवाती हैं। अब मुझे ही देख लो मैं कैसे तुमसे बिंदास चुदवा रही थी।

वह बोला - हां भाभी ऐसे ही मुझसे करन की बीवी भी चुदवाती है।

मैंने कहा - तो फिर कल उसे भी मेरे पास ले आना। मैं तुम दोनों से चुदवाऊंगी।

वह बोला - ठीक है भाभी। मैं कल उसे लेकर आता हूँ।

फिर वह चला गया। दूसरे दिन करण करन को लेकर आ गया। मैं उसे देख कर खुश हो गई क्योंकि वह भी बड़ा स्मार्ट और हैंडसम लड़का था। मैंने दोनों को बैठाया और मैं भी सामने बैठ गयी। मजे की बात यह है उनसे आज केले की टोकरी नहीं लाया था। मैंने पूंछा आज तुम केले बेंचने नहीं निकले हो। वह बोला आज मैंने छुट्टी कर दी है। मैंने पूंछा क्या तुम लोग शराब पीते हो ? वह बोला हां भाभी जी जरूर पीता हूँ। बस हम तीनो शराब पीने लगे।

मैंने नीचे पेटीकोट पहना था और ऊपर एक चुन्नी माला की तरह डाल ली थी। पति तो ऑफिस जा चुका था। मैंने कहा करन मैंने सुना है की तुम करण की बीवी चोदते हो ?

उसने कहा - हां जरूर चोदता हूँ पर करण भी तो मेरी बीवी चोदता है ?

मैंने सवाल किया तो तेरी बीवी मना नहीं करती ? वह करण से क्यों चुदवाती है ?

वह बोला - अरे भाभी जी आजकल की बीवियां अपने पति से ज्यादा दूसरों के पतियों से चुदवाती हैं।

थोड़ा नशा चढ़ा तो मैंने करन के लण्ड पर ऊपर से हाथ रख कर कहा - इसे बाहर निकाल कर दिखाओ मुझे। मैं देखना चाहती हूँ की तेरा औज़ार कितना बड़ा है और कितना धार दार है ?

मैं उसकी पैंट खोलने लगी और इसी बीच मेरी चुन्नी नीचे गिर पड़ी. मैंने भी उसे उठाया नहीं। मेरी दोनों चूँचियाँ एकदम नंगी हो गयीं। मैंने करन को नंगा कर ही दिया। उसका लौड़ा पकड़ लिया और उसे कई बार चूम कर हिलाने लगी। लण्ड बढ़ने लगा और बढ़ते बढ़ते वह करण के लण्ड के बराबर हो गया। मुझे लगा की अभी ये और बढ़ सकता है तो मैंने अपना पेटीकोट खोल कर फेंक दिया। मेरी नंगी चिकनी चूत देख कर करन का लण्ड हिनहिनाने लगा। एकदम तन कर खड़ा हो गया और तब मैं उसे जबान निकाल कर चाटने लगी। उधर मैंने करण को भी नंगा किया और उसका लौड़ा भी हिलाने लगी। मुझे लगा की करन का लण्ड थोड़ा बेहतर है। मैंने कहा यार करन तेरा भी लण्ड भुसावल का केला जैसा लण्ड है। मैं पेल्हड़ थामे हुए बारी बारी से दोनों लण्ड चाटने और चूसने लगी।

मेरा यह पहला मौक़ा था जबकि मैं दो दो लण्ड से एक साथ चुदवाने जा रही थी। कहा करनब तुम पेल दो लण्ड मेरी चूत में और चोद डालो मेरी बुर जैसे तुम रोहण की बीवी की बुर चोदते हो। वह सच में गचागच चोदने लगा मेरी बुर और मैं करण का लण्ड चूसते चूसते चुदवाने लगी।

इस तरह दोस्तों मैंने उन दोनों से दिन भर चुदवाया और फिर उन्हें 4 बजे वापस कर दिया क्योंकि मेरा पति ऑफिस से 5 बजे आ जाता है।


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