गुंडे ने मेरे सामने बहन की सील तोड़ी

गुंडे ने मेरे सामने बहन की सील तोड़ी

गुंडे ने मेरे सामने बहन की सील तोड़ी

हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी एडल्ट स्टोरीज के चाहने वालों को अपनी एक सच्ची घटना बताने वाला हूँ, जिसमे मेरी बहन की चुदाई मेरी आखों के सामने हुई और में वो सब देखता रहा कुछ ना कर सका। दोस्तों में मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ और में जितना कमाता हूँ उससे मेरे घर का खर्चा चलता है और कभी कभी तो हमे भूखे ही रात बितानी पड़ती है। दोस्तों उस दिन भी सूरज डूबने को था और में अपने काम से अपने घर पर आ चुका था और अब मुझे बहुत भूख लगी थी, लेकिन घर में ना तो खाना था और ना मेरे पास पैसे। में और मेरी बहन के लिए यह कोई नयी बात नहीं थी क्योंकि अब हमारी यह एक आदत बन चुकी थी। दोस्तों हमारी मम्मी हमे 5 साल पहले अकेला छोड़कर जा चुकी थी, हमारे पापा जो पहले से ही शराबी थे, वो अब मम्मी के जाने के बाद उनके गम में अब और भी ज्यादा पीने लगे थे और वो हर रोज दारू पीते जुआ खेलते और फैक्ट्री से कमाए सारे पैसे एक जुए के अड्डे में बर्बाद करके घर आ जाते और फिर वो सो जाते।



दोस्तों मेरी बहन जो 22 साल की थी। उनकी लम्बाई 5.4, गोरी, सुंदर, गोल चेहरा, कंधे तक काले घने बाल, छोटी आँखें और सभी तरफ से सुंदर अच्छी दिखती थी, लेकिन उनके बूब्स कुछ ज़्यादा ही बड़े उभरे हुए थे और उनके बूब्स का दूसरी शादीशुदा औरतों से भी बड़ा आकार था। दोस्तों वैसे तो पहले मैंने इतना ध्यान नहीं दिया, लेकिन मैंने देखा कि करीब 5-6 साल में उनके बूब्स बहुत जल्दी बड़े हो गये थे। मुझे उनके बूब्स के आकार का अंदाज़ा नहीं, लेकिन उनके गोर उभरे हुए बड़े सुंदर बूब्स पर सभी लड़को की नज़र रहती मेरे दोस्त भी मेरे पीछे से बस यही बात किया करते थे, लेकिन मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता था। दोस्तों में एक चाय की दुकान पर दिन भर काम करके जो पैसे लाता था उसी से हम दोनों भाई बहन कुछ खा पी लेते और अपना पेट भरते थे। मेरी उम्र कम थी तो में तभी से यह काम करता आ रहा था और हमारे रहने के लिए छोटा सा घर जिसमे दो रूम और एक किचन एक बाथरूम था। दोस्तों घर के बाहर पापा जिस जुए के अड्डे में खेलने हर दिन जाते थे और वो चंदू लाल नाम के एक बहुत ही बेकार हरामी किस्म के आदमी का था। उसकी राजनैतिक पहुंच भी बहुत दूर तक थी और सीधे शब्दों में कहे तो वो एक गुंडा किस्म का इंसान था। मेरे दोस्त मुझसे हमेशा कहते थे कि उसका कोई परिवार नहीं है, वो सारा दिन गुंडा गर्दी करता है उसकी उम्र करीब 45 साल के आसपास थी और वो तगड़ा लंबा करीब 5.11 उसका काला रंग, चपटी नाक, बिल्कुल बदसूरत चेहरा वो एकदम राक्षस जैसा डरावना लगता था।



फिर एक दिन रात को करीब 11 बजे जब हम सभी सोए हुए थे तभी दरवाजा ज़ोर से धड़धड़ा उठा, कोई बाहर से अपने पूरे ज़ोर से दरवाज़ा पीट रहा था, अचानक से हुई इस आवाज से मेरी नींद खुल तो गई क्योंकि में उस आवाज को सुनकर डरकर हड़बड़ा चुका था, लेकिन फिर भी मैंने लेटे लेटे ही देखा कि मेरी बहन जो हमेशा मेरे पास ही सोती है वो उठकर दरवाज़े को खोलने चली गयी और उन्होंने जैसे ही दरवाज़ा खोला, तो बाहर एक विशाल कद का आदमी खड़ा हुआ था वो बिना कुछ कहे सुने जबरदस्ती घर में अंदर घुस आया और फिर सीधे उसने पास वाले कमरे में जाकर मेरे पापा के बाल पकड़कर उन्हें खीचकर नींद से उठा दिया। दोस्तों मैंने जब गौर से देखा तो मेरे पूरे शरीर में एक डर सा फैल गया था, क्योंकि वो चंदू लाल था वही गुंडा जिससे सभी लोग बहुत डरते थे, बहन घबराई हुई आकर मेरे साथ खड़ी होकर देखने लगी और पापा नशे में कहने लगे छोड़ बे। तो चंदू लाल बोला कि साले पहले तू मेरी पूरे 1 लाख 20 हज़ार की उधारी कर चुका है पूरे दो महीने हो गये है, तूने क्या सोचा घर में छुपकर बैठ जाएगा। दोस्तों मेरे पापा उसके सामने गिड़गिड़ाए और उससे समय माँगा, लेकिन वो उन्हे मारता रहा और जाने से पहले उसने कहा कि में आज जा रहा हूँ, लेकिन में तुझे तीन हफ्ते का समय देता हूँ वरना में दोबारा आकर तेरे पूरे परिवार को उठाकर ले जाऊंगा। दोस्तों यह बात कहकर जब वो हमारी तरफ देख रहा था तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गई। बहन और में डरे सहमे से खड़े थे और बहन उस समय मेक्सी में थी और पास ही की खिड़की से आती रौशनी में उनका गोरा बदन चमकता उनके उँचे उँचे बूब्स जो उनके हांफने के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे और तभी वो अचानक से हमारी तरफ आने लगा और पास आकर रुक गया। मेरी बहन ने मुझे ज़ोर से पकड़ा हुआ था। फिर मैंने देखा कि उसकी खा जाने वाली नज़र मेरी बहन को नीचे से ऊपर घूरने लगी थी और फिर ऊपर आकर अचानक से उनके बूब्स पर रुक गई और वो अब मेरी बहन से पूछने लगा कि क्या तुम्हारी शादी हो गयी? दोस्तों मेरी बहन एकदम चुप खड़ी रही और उनके मुहं से डर की वजह से कोई भी जवाब नहीं निकला और तभी वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ा बताओ शादी हो गयी? अब बहन चौंककर बोली कि नहीं वो उनका जवाब सुनकर उनकी तरफ मुस्कुराया और चला गया।



फिर हमने उसके चले जाने के बाद चैन की साँस ली, लेकिन दोस्तों हमे बिल्कुल भी पता नहीं था कि अब हम कभी भी चैन की साँस नहीं ले पाएँगे। फिर अगले कुछ दिन बहन जब भी बाज़ार जाती या पानी लेने पास के नल पर जाती या किसी दोस्त के घर जाती वो हमेशा मेरी बहन का पीछा करता और इस बात के बारे में मुझे बहन ने एक सप्ताह के बाद बताया, जब उसका घर से निकलना बहुत मुश्किल हो गया था। मैंने भी देखा कि जब भी में अपनी दुकान पर जाने के लिए अपने घर से बाहर निकलता तो वो हमारे घर के आस पास ही घूमता रहता, मुझे उसको देखकर बहुत गुस्सा आता, लेकिन में करता भी क्या और डर डरकर अपनी बहन की निगरानी के अलावा मेरे मन में हमेशा डर रहता था कि कहीं वो बहन को सच में तो उठा नहीं ले जायेगा?



गुंडे ने मेरे सामने बहन की सील तोड़ी

फिर एक दिन मुझे काम करते वक़्त करीब दिन के एक बजे बहन की बहुत चिंता हुई तो मैंने अपने दुकान के मालिक से कहा कि में अभी कुछ देर में आता हूँ और उससे यह बात बोलकर में अपने घर की तरफ चल पड़ा और फिर अपने घर पर पहुंचते ही मैंने देखा कि चंदू लाल हमारे बाथरूम के दरवाज़े के एक छोटे से छेद पर अपनी आँख लगाकर अंदर कुछ देख रहा है और मुझे समझने में बिल्कुल भी देर नहीं लगी कि वो मेरी बहन को नंगा नहाता हुआ देख रहा है। में बहुत डरा भी, लेकिन अब मुझे गुस्सा भी बहुत आ रहा था और में फ़िर भी थोड़ी सी हिम्मत जुटाकर चिल्लाया चंदू लाल अंकल, लेकिन वो मेरी बात को अनसुना करके लगातार देखे जा रहा था। फिर मेरे दोबारा चिल्लाने पर पीछे मुड़ा और बोला कि अबे साले तेरा बाप कहाँ है? मैंने कहा कि पापा घर में नहीं होंगे, वो रात को आएगें तब आना और तभी बाथरूम का दरवाज़ा खुला और बहन उसमे से धीरे से बाहर निकली और रोज़ की तरह मेक्सी पहनकर बाहर आई। फिर उसको देखकर भी नज़र अंदाज़ करते हुए बहन अपना मुहं नीचे करके कमरे की तरफ चल पड़ी। वो बहन के चूतड़ों को देखे जा रहा था। अब चंदू लाल बोला कि अबे साले तुझे और तेरी बहन को पैसे लौटाने होंगे, नहीं तो तुझे और तेरी बहन के साथ तेरे बाप को में इस दुनिया से गायब करवा दूँगा। दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरे तोते उड़ गये और में बहुत डरने लगा था और अब मुझे भगवान याद आने लगा था। मैंने सोचा कि अब यह यहाँ से चला जाएगा, लेकिन वो तो घर के अंदर की तरफ चल पड़ा, जिसकी वजह से मेरी धड़कने तेज़ हो गई थी। फिर भी में दबे पैर उसके पीछे चला गया और उसने सीधा अंदर जाकर देखा तो किचन में बहन खाना बनाने की तैयारी कर रही थी। फिर उसके अंदर घुसते ही बहन तुरंत पीछे मुड़ गई। अब वो पूछने लगा कि तुम्हारा क्या नाम है? तो बहन बोली कि तन्नू और डरते हुए वो यह बात कहकर वापस स्टोव की तरफ घूम गई और उस पर कढ़ाई रखने लगी। तभी चंदू लाल अंकल बहन के पीछे जाकर खड़े हो गए और अब बहन के दोनों हाथों को दोनों तरफ से पकड़ लिया, बहन चौंककर पीछे हट गई तो उनके चूतड़ जाकर चंदू लाल के बदन से सट गए। अब चंदू लाल ने झट से उनके दोनों हाथों को छोड़कर उनकी कमर को एक हाथ से अपनी तरफ खींचा और दूसरे हाथ को सामने से लेकर उनके एक बूब्स को पकड़ लिया और निप्पल ज़ोर से दबा दिया, जिसकी वजह से बहन अहहह्ह्ह्ह स्शईईई चंदू लाल अंकल मुझे छोड़ दीजिए मेरा भाई देख लेगा और यह बात सुनकर वो ज़ोर से हंसा और कहने लगा कि वो अपनी दुकान पर चला गया है, अब तुम ज्यादा मत शरमाओ उनसे वो यह बात कहकर उनको पीछे से अपनी बाहों में जकड़े हुए एक कोने में ले गया और पीछे से अपने लंड को बहन के दोनों चूतड़ो के बीच फंसाये हुए अपने दोनों हाथों से बहन के दोनों बड़े बड़े आकार के बूब्स को पकड़कर दबाने और अब वो अपने हाथ को बूब्स पर गोल घुमा घुमाकर मसलने लगा, जिसकी वजह से बहन कहने लगी ऊओह्ह्ह हहाआहह मुझे बहुत दर्द हो रहा है थोड़ा धीरे से आईईई अब चंदू लाल ने बहन के मुहं को अपने एक हाथ से ऊपर की तरफ उठा दिया और बहन के ओह्ह्ह कुछ कहने से पहले ही चंदू लाल अपने काले मुहं को बहन के गुलाबी होंठो पर रख चुका था। वो अब उन्हे लगातार चूस रहा था। फिर उधर चंदू लाल का दूसरा हाथ बहन की दोनों जांघो के बीच जाकर कपड़े के ऊपर से ही रगड़ रहा था और बहन के दोनों हाथ चंदू लाल के उस हाथ को रोकने की बेकार कोशिश कर रहे थे। में बहुत डरा हुआ देख रहा था, मुझे अंदर डर था कि अगर में चंदू लाल अंकल को कुछ कहूँगा तो वो किचन में रखी छुरी से मुझे और बहन को ना मार दे। फिर तभी उसने बहन को अचानक से छोड़ दिया, लेकिन बहन के हांफते हुए पीछे मुड़ने से पहले ही उसने बहन को पीठ से एक ज़ोर का धक्का दे दिया, जिसकी वजह से बहन सामने को झुक गई और चंदू लाल भी नीचे झुक गया और अब उसने एक ही बार में बहन की मेक्सी को पेट तक ऊपर कर दिया, जिसकी वजह से बहन की नीले रंग की पेंटी दिख गई। दोस्तों ये कहानी आप एडल्ट स्टोरीज डॉट को डॉट इन पर पड़ रहे है।



फिर बहन जैसे ही अपने हाथ को आगे बढ़ाकर वापस ढकने लगी तो चंदू लाल ने उनके हाथ को पकड़कर आगे की तरफ कर दिया और बहन के एक चूतड़ पर एक ज़ोर का थप्पड़ मारा और फिर उसने कहा कि चुपचाप सामने झुककर उस टेबल को पकड़ ले और तू तेरा बाप का उधर चुका, नहीं तो में सभी को मार दूँगा क्या समझी? यह बात कहकर उसने अपने एक हाथ से बहन की पीठ को धकेलकर पकड़ लिया और दूसरे हाथ को बहन के पेंटी में फंसा दिया और वो अपना बहन के घुटने तक ले आया। फिर तो वो नज़ारा देखकर उसका मुहं लाल हो गया और बहन के दो बड़े गोरे चूतड़ो के बीचो बीच उनकी कुंवारी फूली हुई चूत, मुलायम घुंघराले बालों से घिरी हुई साथ में सूरज के किरणों की तरह घिरी हुई गांड का छेद। तभी वो तुरंत नीचे बैठा और उसने अपने दोनों हाथों से दोनों चूतड़ो को और अलग किया और अपना मुहं पास में ले गया। फिर थोड़ा सा सूँघा और अपने मुहं को उनके बीच में घुसा दिया था, जिसकी वजह से बहन अयाया सस्सह आआहक करने लगी, लेकिन वो उसमे मुहं घुसाए हुए बहन की जाँघो को अपनी तरफ खींचता हुआ चाटने चूसने लगा। दोस्तों बहन का बदन ढीला पड़ रहा था और शरीर में उत्तेजना की उमंग दौड़ने लगी थी और बहन ने भी शायद इस पल को कभी सोचा नहीं होगा कि ऐसे तो उसकी शादी हो नहीं रही और कोई जैसे कि चंदू लाल अंकल ने आकर उसको ज़बरदस्ती घर में घुसकर चोदे और उसके शरीर से खेले, उसकी चूत और रसीले बूब्स का सही उपयोग करे और शायद आज वो दिन आ ही गया था, इसलिए वो अपनी दोनों आँखे बंद करके सिसकियाँ भर रही थी या फिर यह कहे कि आँखे बंद करके बिल्ली की तरह दूध पी रही थी।



फिर तभी अचानक ही चंदू लाल उठा और घुटनो के पास अटकी बहन की पेंटी को उसने अपने एक पैर से नीचे कर दिया और वो अब बहन के पैरों पर आ गया। फिर उसने बहन को कंधो से पकड़कर खड़ा किया और मेक्सी को नीचे से समेटते हुए ऊपर करते हुए निकालने लगा और बहन ने भी उसका साथ देते हुए हाथ ऊपर कर दिया मेक्सी निकलकर हवा में उड़ने लगी और दूसरी तरफ बहन के बड़े बड़े बूब्स अब चंदू लाल को दिख चुके थे। मुझे उसको देखकर लगा कि वो अब इन बूब्स को जरुर दबाएगा और आज वो इन्हें कच्चा खा जाएगा। अब मुझमे भी थोड़ी सी हिम्मत आ गई और मैंने मन ही मन सोचा कि मैंने अब इसको नहीं रोका तो मेरी बहन इसकी वजह से किसी को मुहं नहीं दिखा पाएगी और में चिल्लाया ओये। अब उनकी नज़र मुझ पर पड़ी और चंदू लाल मुड़ा और मेरी तरफ आने लगा। में डरा, लेकिन में अपनी जगह से बिल्कुल भी नहीं हिला, फिर मुझे अपने एक गाल पर एक जोरदार तमाचा लगता हुआ महसूस हुआ जिसकी वजह से मेरा सर चकरा गया। उस ताकतवर राक्षस के थप्पड़ को में कैसे झेलता? उसने तुरंत अपनी बेल्ट निकाली और मेरे दोनों हाथों को उससे ज़ोर से बाँध दिए और फिर उसने मुझे धमकाया वो मुझसे कहने लगा कि साले तेरी इतनी हिम्मत कि तू मुझे रोकेगा? अब देख में तेरे ही सामने कैसे तेरी बहन को एक कली से फूल बना दूंगा और अगर इस बार ऐसी कोई भी ग़लती की तो वहां से बहन की आवाज़ आई नहीं तुम उसे छोड़ दो वो अभी नादान है, तुम्हे जो चाहिए मुझसे ले लो। फिर बहन के मुहं से यह बात सुनकर वो एक ज़हरीली हंसी हंस दिया और फिर बहन की तरफ देखकर बोला चल खटिया पर वहां तुझे ज़्यादा मज़ा आएगा और अब बहन ने वैसा ही किया जैसा उसने उनसे कहा। अब उसने बहन को दूसरे कमरे की एक खाट पर पीठ के बल लेटाकर बहन के दोनों पैरों को फैलाते हुए उसने अपना मुहं बहन की चूत पर लगा दिया और अब वो चूत को चूसने अपनी जीभ से चोदने लगा, जिसकी वजह से बहन कसमसा उठी। अब उसने बहन के दोनों घुटनों को मोड़कर उनके ब्रा तक ले गया और वापस उनकी चूत में अपनी जीभ को डालने लगा और चूत के लाल दाने को अपनी जीभ से ऊपर नीचे करने लगा।



दोस्तों मैंने देखा कि जब भी वो ऐसा करता तो बहन के नंगे सेक्सी बदन में एक भूकंप सा आ जाता और करीब 15 मिनट ऐसे ही करने के बाद बहन के दोनों हाथ उसके सर को अपनी चूत की तरफ खींचने लगी और बहन अपने सर को इधर उधर पटकने लगी थी और उनका बदन कांप उठा। अब बहन बोली आह्ह्हह्ह में अयहहा गईई रे काम से। फिर उसने उस जगह को चाटना शुरू किया और वो कहने लगा कि साली बहुत जोश है तेरे जिस्म में, मुझे बड़ा मज़ा आएगा तेरा आज एक सही मर्द से पाला पड़ा है और तुझे में आज जमकर चोदूंगा। दोस्तों यह बात कहकर चंदू लाल ने कहा कि अब तू मुझे अपने बूब्स दिखा। फिर बहन ने अपने दोनों हाथ पीछे लिया और एक झटके के साथ अपनी ब्रा का हुक खोल दिया और हुक खुलते ही बूब्स ब्रा के ऊपर की तरफ उछल पड़े, जिनको देखकर ऐसा लगा मानो कोई शेर जाल तोड़कर बाहर आ गया हो। अब चंदू लाल बहन के ऊपर आ गया और वो बहन की ब्रा को खींचकर हाथों से होते हुए बहन के सर के ऊपर ले गया। फिर तो बस लपककर उसने बहन के एक बूब्स को अपने मुहं में भर लिया और आँख बंद करके चूसने लगा, लेकिन बहन के बूब्स इतने बड़े थे कि वो उसके मुहं में नहीं आ रहा था। तभी उसने अपने पास पड़े हुए एक तकिये को बहन की पीठ के नीचे घुसा दिया, जिसकी वजह से बहन के बूब्स अब ज्यादा तन गए और बहन के ज़ोर से साँस लेने की वजह से वो ऊपर नीचे होने लगे, मानो वो आगे आकर चंदू लाल अंकल को उकसा रहे हो।



अब तो चंदू लाल अंकल और भी ज़ोर ज़ोर से बूब्स को चूसने लगे और उनके निप्पल को अपनी जीभ से अंदर की तरफ दबाने लगे और ऊपर नीचे करते फिर कभी जीभ और दाँत लगाकर खींचते, इन सबसे बहन बिल्कुल पागल होने लगी थी और उसका शरीर मानो तड़प रहा हो वो चिल्लाती कसमसा उठती और अपने हाथ पैर पटकती, सर पटकती, चिल्लाती उफ्फ्फ्फ आइईइ आआहह्ह्ह उउहहहह, लेकिन चंदू लाल अपने काले मुहं से उन नाज़ुक से नरम माँस को बारी बारी से ख़ाता रहा और बोलता रहा इस बूब्स को में सारा दिन बिना कहे चूस सकता हूँ यह सचमुच बहुत लज़ीज़ है आह्ह्ह्हहह।



फिर बीस मिनट के बाद वो उठा तो बहन ज़ोर से हाँफ रही थी और उनके दोनों निप्पल चंदू लाल के थूक से चमक रहे थे। फिर चंदू लाल खाट पर खड़ा हो गया और वो अब अपनी जीन्स और अंडरवियर को नीचे खिसकाते हुए बहन के पैरो के बीच में आ गया और कुछ सोचने समझने से पहले ही उसने अपने 6 इंच लंबे मोटे काले लंड को बहन की चूत के मुहं पर टिकाने लगा और उसने सही मौका देखकर तुरंत बहन के पैरो को घुटनों से मोड़कर एक ज़ोर का धक्का मार दिया, जिसकी वजह से बहन चिल्ला उठी आहहह्ह्ह्ह निकाल उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ में नहीं सह पा रही हूँ उह्ह्हहह और फिर उसने बहन की एक भी बात पर बिल्कुल भी ध्यान ना देते हुए झुककर बहन के एक बूब्स को अपने मुहं में भर लिया, लेकिन बहन अब भी उस दर्द से छटपटा रही थी और उसके कंधो को पीछे धकेल रही थी। फिर चंदू लाल कहने लगा रुक साली थोड़े देर बाद तू खुद उठ उठकर मुझसे अपनी चूत चुदवाएगी रुक जा थोड़ा सा यह बात कहकर उसने बहन के मुहं को दबा दिया जिसकी वजह से उनकी सिसकियों की आवाज बाहर आना बंद हो गई और वो बहुत बेदर्दी तरीके से अपनी कमर को उछालने लगा उसके धक्के बहुत तेज थे, जिसकी वजह से बहन के साथ साथ खाट भी सरकने हिलने लगी थी। तो कुछ देर धक्कों के बाद ध्यान से देखा तो बहन की चूत से एक लाल रंग का रस निकलने लगा था। दोस्तों शायद बहन की चूत की सील फट चुकी थी, लेकिन वो तो लगातार तेज तेज धक्के लगाते हुए उनको चोदे जा रहा था, लेकिन दोस्तों मुझे उसके धक्कों से अपनी बहन के चेहरे पर संतुष्टि के वो भाव भी अब नजर आने लगे थे और वो सब मुझे बहन के कुछ ना कहने पर भी चेहरे से साफ साफ नजर आ रहा था और वो अपने चेहरे से खुश नजर आ रही थी, क्योंकि इस उम्र में सेक्स करना बहुत जरूरी होता है और लंड ना मिले तो किसी भी चीज अपनी ऊँगली से भी काम चलाना पड़ता है।



अब उसके ठुकाई करने के साथ साथ ढपधप छप छप की आवाज़े और बहन एमेमएम्मएमेम उफफ्फ्फ्फ़ माँ मर गई आईईईइ करती रही। फिर मैंने देखा कि उसका पूरा का पूरा लंड अब बहन की चूत के अंदर बाहर हो रहा था। बहन की चूतरस से भीगा हुआ लंड बाहर आते ही चमक उठता और फिर वापस अंदर चला जाता। अब चंदू लाल बोला कि आअहह वाह यह तेरी कुंवारी चूत तो सबसे अलग एकदम हटकर है, यह जितनी गीली और गरम है उतनी ही टाइट भी है। में तो अब इसको हर कभी चोदने आ जाया करूंगा मुझे ऐसी ही चूत की बहुत दिनों से तलाश थी, तू अब तक कहाँ छुपकर बैठी थी? वाह मज़ा आ गया। दोस्तों करीब बीस मिनट के बाद बहन एकदम शांत पड़ गई। मानो बहन के बदन में अब और जान ना हो। फिर उसने अपनी तरफ से ज़ोर के आख़िर 5-6 धक्के मारे और वो खुद भी कांप उठा और उसके बाद वो थककर बहन के ऊपर पड़ा रहा।



अब चंदू लाल का काला बदन बहन के दूध से गोरे मादक सेक्सी बदन को पूरी तरह से ढका हुआ था और बहन की चूत से उसके वीर्य की नदी की तरह एक धारा बह रही थी। फिर कुछ देर बाद वो उठा और उसने अपने कपड़े पहने और फिर उसने कहा कि आज से यह बस मेरी है और में इसको ऐसे ही चोदता रहूँगा इसके साथ मुझे बहुत मज़ा आया वो यह बात बोलकर घर से बाहर निकलकर चल गया। तो बहन ने अपने पास पड़ी एक चादर से अपने खुले बदन को ढक लिया और दोस्तों में उस सन्नाटे में कहीं खो सा गया। मुझे पता नहीं चला कि अचानक से वो सब क्या हुआ और वो घटना मेरी आखों के सामने घटित हो गई ।

Previous Post Next Post