सगी सालियों की चूतो का उद्घाटन किया मोटे लंड से

सगी सालियों की चूतो का उद्घाटन किया मोटे लंड से

सगी सालियों की चूतो का उद्घाटन किया मोटे लंड से

सगी सालियों की चूतो का उद्घाटन किया मोटे लंड से

बात उस समय की है जब मेरी शादी को 2 साल हो गए थे और मेरी बीबी को पहला बच्चा हुआ था.. वो उस समय अपने मायके में ही थी.... जब काफी दिन हो गए तो मै अपने आफिस से छुट्टी ले कर अपने ससुराल गया ताकि बीबी और बच्चे से मिल आऊं.. अभी मेरी बीबी का आने का कोई प्रोग्राम नहीं था.. क्यों कि इस समय दिसंबर का महीना चल रहा था और जाड़ा काफी अधिक पड़ रही थी..
जब मै अपने ससुराल गया तो मेरी खूब खातिरदारी हुई.. मेरे ससुराल में मेरे ससुर, सास, 1 साला और 2 सालियाँ थी.. मेरे साले की हाल ही में नौकरी हुई थी.. और वो दिल्ली में पोस्टेड था.. ससुरजी भी अच्छे सरकारी नौकरी में थे.. 2 साल में रिटायर होने वाले थे.. लेकिन अधिकतर बीमार ही रहा करते थे.. मेरी सालियाँ बड़ी मस्त थीं.. दोनों ही मेरी पत्नी से छोटी थीं..
मेरी पत्नी से ठीक छोटी वाली का नाम सीमा था.. वो 23 साल की थी.. उस से छोटी मधु की उम्र 21 साल की थी.. दोनों ही स्नातक कर चुकी थी.. यूँ तो दोनों दिन भर मेरे से चुहलबाजी करती रहती थी लेकिन कभी बात आगे नही बढी थी.. मैंने भी सीमा की एक - दो बार चूची दबा दी थी.. लेकिन वो हंस कर भाग जाती थी.. खैर मेरी बीबी नेहा खुद भी काफी सुन्दर थी.. इसलिए कभी कोई ऐसी वैसी बात होने कि नौबत नही आई..
इस बार मै ज्यों ही अपने ससुराल पहुंचा तो वहां एक अजब समस्या आन पड़ी थी.. दोनों ही सालियों ने बी..एड करने का फॉर्म भरा था और दोनों की ही परीक्षा होनी थी.. परीक्षा पुरे एक सप्ताह की थी.. समस्या ये थी कि इन दोनों के साथ जाने वाला कोई था ही नहीं.. क्यों कि मेरे साले कि अभी अभी नौकरी लगी थी और वो दिल्ली में था.. मेरे ससुर जी को जोड़ों के दर्द ने इस तरह से जकड रखा था कि वो ज्यादा चल फिर नहीं पा रहे थे.. सास का तो उनको छोड़ कर कहीं जाने का सवाल ही पैदा नही होता था.. मेरी दोनों सालियाँ तो अकेले ही जाने के लिए तैयार थी, लेकिन जमाने को देखते हुए मेरे ससुरजी इसके लिए तैयार नहीं हो रहे थे.. इस कारण मेरी दोनों सालियाँ काफी उदास हो गयी थी.. मुझे लगा कि यूँ तो मै 15 दिनों की छुट्टी ले कर आया हूँ और यहाँ 3 दिन में ही बोर हो गया हूँ क्यूँ ना मै ही चला जाऊं, लेकिन ससुरजी क्या सोचेंगे ये सोच कर मै खामोश था..
अचानक मेरी सास ने ही मेरे ससुर को कहा कि क्यों नहीं दामाद जी को ही इन दोनों लड़कियों के साथ भेज दिया जाये.. ससुरजी को भी इसमें कोई आपत्ति नजर नहीं आई.. उन्होंने मुझसे पूछा तो मैंने थोड़ी टालमटोल करने के बाद जाने के लियी हाँ कर दी.. और उसी दिन शाम को ही ट्रेन पकड़ कर रवाना हो गए.. अगले दिन सुबह पहुँच कर एक होटल में हमलोग रुके .. होटल में मैंने दो रूम बुक किये.. एक डबल रूम , दोनों सालियों के लिए तथा एक सिंगल रूम अपने लिए.. हम लोगों ने नाश्ता - पानी किया और मैंने उन दोनों को उनके परीक्षा सेंटर पर पहुंचा दिया..
हर तीसरे दिन एक परीक्षा होनी थी .. 12 बजे से 2 बजे तक .. उसके बाद दो दिन आराम .. दोनों ने परीक्षा दे कर वापस होटल आने के क्रम में ही भोजन किया .. मैंने दोनों से परीक्षा के बारे में पूछा तो दोनों ने बताया कि परीक्षा काफी अच्छी गयी है.. खाना खाने के बाद हम लोग होटल चले आये .. वो दोनों अपने कमरे में गयी तथा मै अपने कमरे में जा कर आराम करने लगा ..
करीब 5 बजे मुझे लगा कि उनलोगों को कहीं घुमने जाना है क्या? ये सोच कर मै उनके रूम में गया.. रूम का दरवाज़ा सीमा ने खोला .. रूम में मधु नजर नही आयी ..
मैंने सीमा से पूछा- मधु कहाँ है?
वो बोली- बाथरूम गयी है..
मैंने कहा - ओह..
मैंने देखा कि सीमा सिर्फ एक झीनी सी नाइटी पहने हुए है.. उसके चूची साफ़ साफ़ आभास दे रही है.. उसके चूची के निपल तक का पता चल रहा था..
मै बिछावन पर बैठ गया और मैंने सीधे बिना किसी शर्म के ही धीरे से कहा- क्या बात है ? ब्रा नही पहनी हो
उसने कहा - यहाँ कौन है जिस से अपनी चूची को छिपाना है?
सुन कर मै दंग रह गया, और कहा - क्यों , मै नहीं हूँ?
वो बोली- आप से क्या शर्माना? आप तो अपने आदमी हैं..
मै कहा- कभी ठीक से छूने भी नहीं देती हो और कहती हो कि आप अपने आदमी हैं ..
उसने मेरे गोद में बैठते हुए कहा - इसमें कुछ ख़ास थोड़े ही है जो आपको छूने नहीं दूंगी.. आप छू कर देखिये.. मै मना नहीं करूंगी..
मैंने धीरे से उसे पीछे से पकड़ा और अपने हाथ सीमा के एक चूची पर रख दिया.. उसने सचमुच कुछ नहीं कहा और ना ही किसी प्रकार का प्रतिरोध किया.. मै उसकी चूची को जोर जोर से दबाने लगा.. उसे भी मज़ा आने लगा.. जब मैंने देखा कि उसको भी मज़ा आ रहा है तो मेरा मन थोडा और बढ़ गया.. और मैंने अपना हाथ उसके नाइटी के अन्दर डाला और उसके चूची को पकड़ लिया.. उफ़ क्या मखमली चूची थी सीमा की .. मैंने तो कभी कल्पना भी नही की थी कि मेरी साली इतनी सेक्सी हो सकती है.. मै कस कर के उसकी चूची दबा रहा था.. वो आँख बंद कर के अपने चूची के मर्दन का आनंद ले रही थी.. मेरा लंड तनतना गया..
मैंने धीरे से कहा- ए, जरा नाईटी खोल के दिखा ना..
सीमा ने कहा- खुद ही खोल कर देख लीजिये ना..
मैंने उसकी नाईटी को अचानक नीचे सरका दिया और उसकी चुचियों के नीचे लेते आया.. ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़ क्या मस्त चूची थी.. मैंने दोनों हाथों से से उसकी दोनों चुचियों को को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया.. वो सिर्फ आँखे बंद कर के मज़े ले रही थी..
उसने धीरे से कहा - जीजाजी, इसे चूसिये ना..
मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी चूची को चूसने लगा.. ऐसा लग रहा था मानो शहद की चासनी चूस रहा हूँ.. मेरा लंड एकदम उफान पर था.. .. मेरा लंड पैंट के अन्दर ही अन्दर गीला हो गया था.. मैंने एक झटके में उसके बदन से पूरी नाइटी उतार दी.. और अपना शर्ट एवं पैंट भी.. अब वो सिर्फ पेंटी में थी और मै अंडरवियर में .. मैंने उसके बदन को चूमना चालु किया.. चुमते चुमते अपना दाहिना हाथ उसके पेंटी के अन्दर डाल दिया.. घने घने बाल साफ़ आभास दे रहे थे.. थोडा और नीचे गया तो कोमल सा चूत साफ़ आभास होने लगा.. पूरी गीली हो गयी थी.. उसने भी मेरे लंड पर हाथ लगा दिया और कहा - इसे भी खोलो ना जीजू.. मैंने बिना देर किये अपना अंडरवियर भी खोल दिया .. वो मेरा लंड को अपने हाथ में ले कर सहलाने लगी ..
मैंने उसके होठों को कस कर दबाया हुआ था.. मै उसके चूत में अपनी उंगली डालने की कोशिश करने लगा तो वो बुरी तरह से छटपटाने लगी.. तभी मैंने उसकी पेंटी भी खोल दी और उसके चूत को घसने लगा.. वो मछली की तरह तड़प रही थी.. मैंने किसी तरह से अपनी ऊँगली उसके चूत में डाल ही दी.. तभी बाथरूम के अन्दर से फ्लश की आवाज़ आयी.. मै हडबडा गया क्यों कि मधु निकलने वाली थी और सीमा नंगी पड़ी हुई थी.. मै झट उठ कर बैठ गया और अंडरवियर पहन लिया .. .. सीमा ने तुरंत ही अपनी पतली सी चादर अपने अपने नंगे बदन पर ओढ़ लिया.. मै सोच रहा था कि यहाँ से चला जाऊं.. लेकिन तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और मधु बाहर आ गयी.. ये क्या ! उसने भी तो सिर्फ पेंटी ही पहन रखी थी.. ऊपर वो पूरी तरह से नंगी थी .. एक तो वो मुझे अचानक देख कर शरमा गयी और वो मुझे अंडरवियर में देख कर चौंक गयी.. मेरा लंड अभी भी 9 इंच के तनाव पर था..
फिर वो मुझे देख कर अपने हाथो से अपनी गोरी गोरी चूची को छिपाने का असफल प्रयास करते हुए हुए मुस्कुराई और बोली- आप कब आये?
मैंने कहा -अभी थोड़ी देर पहले..
मुझे पता नहीं था कि दुबली पतली सी दिखने वाली इस लड़की के चूची इतने बड़े होंगे.. मै सोचने लगा - यार इसके भी तो चूची अब हाथ लगाने लायक हो ही गए हैं..
अभी मै इसी विषय पर सोच ही रहा था कि मधु ने कहा- क्यों जीजू , क्या देख रहे हो?
मैंने कहा - देख रहा हूँ कि छोटी बच्ची अब जवान हो गयी है..
मधु ने कहा - आप को अभी तक पता ही नही चला था क्या?
मैंने अपने लंड को अंडरवियर के ऊपर से कस के दबाते हुए कहा- मुझे तो अंदाजा ही नही था कि आपका नीम्बू अब खरबूज बन गया होगा.. तेरी चूची तो तो तेरी बहन सीमा से भी बड़ा है.. तू तो उसकी बड़ी बहन लगती है..
ये सुन कर मधु बोली- धत, मेरी चूची तो अभी सीमा दीदी से छोटा ही है..
मैंने कहा - नहीं, तेरा बड़ा है..
वो बोली- नहीं, मेरा छोटा है दीदी से..
मैंने कहा- लगी शर्त? तेरा बड़ा है.. अगर तेरा छोटा हुआ तो 500 रुपये तेरे.. अगर बड़ा हुआ तो तू मुझे 500 रूपये देगी.. बोल मंजूर है?
वो बोली- हाँ , मंजूर है.. दीदी जरा खोल के दिखा तो अपनी चूची..
सीमा तो नंगी थी ही.. उसने अपना चादर हटाया.. मधु ने देखा तो कहा - अरे तू तो पहले से ही नंगी है?
सीमा ने कहा - जीजू , मेरे चूची का साइज़ और चूत की गहराई नाप रहे थे.. अच्छा , अब तू भी खोल के दिखा..
मधु ने बिना समय दिखाए अपने हाथ नीचे कर के अपनी चूची मेरे सामने ला कर खड़ी हो गयी.. यूँ तो वास्ताव में मधु की चूची सीमा के चूची से छोटी थी.. लेकिन मै तो सिर्फ उसकी चूची को देखने के लिए इतना ड्रामा कर रहा था.. उसकी चूची भी मस्त थी..
मैंने कहा - ऐसे तो पता नहीं चल रहा है.. हाथ से नाप कर ही पता चलेगा..
मधु मेरे पास आ गयी और बोली- तो ठीक है.. हाथ से नाप कर ही देख लीजिये और बताइए किसकी चूची बड़ी है और किसकी छोटी ?
मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और उसकी चूची को मसलने लगा.. मेरे लंड का हाल बुरा हो रहा था.. थोड़ी देर उसकी चूची मसलता रहा.. मधु की आँख बंद हो गई थी- उसे भी काफी आनंद आ रहा था..
उसने धीरे से कहा- जीजू अब बताइए न किसकी चूची बड़ी है और किसकी छोटी?
मै भी कम धूर्त ना था.. मैंने कहा - अंदाज़ ही नही मिल रहा है.. दोनों बहनों की चुचियों को एक साथ छूना होगा.. सीमा इधर आ, तू भी मेरे गोद में बैठ जा..
सीमा भी सिर्फ पेंटी पहन कर मेरी गोद में बैठ गयी.. अब मै दोनों की चूचियां को मसलने रहा था.. दोनों ही हलकी हलकी सिसकारी भर रही थी..
फिर मैंने कहा - ऐसे पता नही चलेगा.. मुह में चूस कर साइज़ पता चलेगा..
मैंने दोनों को बिस्तर पर सटा कर लिटा दिया.. और बारी बारी से दोनों की चुचीयां को चूसने लगा.. दोनों को अपनी चूचियां चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था..
मैंने कहा - दोनों की चूची तो 19 - 20 है.. अच्छा ये बता तुम दोनों में से किसके चूत पर बाल अधिक हैं?
सीमा ने कहा - जीजू, खुद ही मेरी पेंटी खोल के देख लो न..
मैंने उस की पेंटी में हाथ डाला और उस की पेंटी खींच कर उतार डाली.. दोनों अब मेरे सामने नंगी थी.. दोनों के चूत पर घने बाल थे.. मै दोनों के चूत को सहलाने लगा.. दोनों की आँखे बंद थी.. दोनों की चूत गीली हो रही थी..
मैंने कहा - दोनों की चूत पर घने बाल हैं.. शेव नहीं करती हो क्या?
सीमा ने कहा - नहीं
मैंने पूछा - तुम दोनों में से मुठ अधिक कौन मरती हो?
मधु ने कहा - दीदी अधिक मारती है.. दिन में दो बार वो भी बैगन से..
मैंने कहा - तू मुठ नहीं मारती..
मधु ने कहा - कभी कभी.... वो भी दीदी को मुठ मारते देख कर..
सीमा मेरे लंड को पकड़ कर बोली - हाँ लेकिन ये इतनी डरपोक है कि पतले मोमबत्ती को चूत में डाल कर मुठ मारती है.. मैंने कितनी बार इसे बैगन से मुठ मारने को कहा है लेकिन ये मानती ही नहीं....
मैंने कहा - कभी तुम दोनों ने अपनी चूत चुसवाया है?
मधु ने कहा - हाँ
मैंने कहा - किस से?
सीमा ने कहा - हम दोनों अक्सर ही एक दुसरे की चूत चूसते हैं..
मैंने कहा - अरे वाह, दोनों तो बिलकूल एक्सपर्ट हो.. कहाँ से सीखा?
मधु ने कहा - बड़ी दीदी ने सिखाया.. दरअसल हम तीनो बहन एक दुसरे की चूत चूसते हैं..
मैंने कहा - वाव.... ये बात तो मुझे आज तक पता ही नहीं थी..
मधु ने कहा - जीजा जी, सिर्फ हमारी ही देखोगे क्या? अपनी भी दिखाओ ना..
मैंने बिना कुछ कहे अपने अंडरवियर को को भी खोल दिया.. मेरा लंड जो एक चूत और दो चूची को देख कर जितना बड़ा होता है आज दो दो चूत और चार चूची को देख कर डबल बड़ा हो रहा था..
अनु ने मेरे लंड को देखते ही पकड़ लिया और कहा - हाय राम, जीजू आपका जूजू कितना बड़ा है.. इतना बड़ा लुल्ली तुम दीदी के चूत में पूरा डाल देते हो? दीदी की चूत तो दर्द से बिलबिला जाती होगी..
ये सुन कर सीमा हँसी और कहा- धत पगली, ये लुल्ली थोड़े ही है, ये तो लंड है.. चूत में इसे डालने से दर्द थोड़े ही होता है? बल्कि मज़ा आता है.. इस को पीयेगी? सुना है बहुत मज़ा आता है..
अनु ने कहा - किसने कहा
सीमा - दीदी ने..
मैंने कहा - दीदी तुम्हे ये सब बातें बताती है?
सीमा ने मेरे लंड को मुह में लिया और थोडा चूसते हुए कहा- और नहीं तो क्या? वो मुझे अपनी चुदाई कि सब बातें बताती है..
मैंने कहा - सिर्फ थ्योरी से ही काम नहीं चलेगा, कुछ प्रेक्टिकल भी करना होगा..
दोनों ने कहा - हाँ जीजू, कुछ प्रेक्टिकल कीजिये ना..
मैंने कहा - पहले किस से साथ करूँ..
सीमा ने कहा - मेरे साथ, क्यों कि यहाँ मै बड़ी हूँ..
मधु ने कहा - हाँ ये ठीक है, तब तक मै देखती हूँ और जानूंगी कि कैसे क्या होता है..
मैंने कहा - ठीक है..
और मै सीमा के बदन पर लेट गया और मधु बगल में ही लेट कर चुचाप देख रही थी.. मै सीमा के नंगे मखमली बदन पर लेट कर उसके हर अंग को चाटने लगा.. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.. मैंने उसके बुर को चाटना चालु किया तो वो सिसकारी भरने लगी.. लेकिन मै उसके बुर के रस को छोड़ भी नहीं पा रहा था.. इतना नरम और रसीला बुर था मानो लग रहा था कि लीची को उसका छिलका उतार कर सिर्फ उसे चाट रहा हूँ.. उसके बुर ने पानी छोड़ दिया.. मै उसके बुर को छोड़ फिर उसके चूची को अपने सीने से दबाया और मैंने पूछा- अपनी चूत चुदवाओगी?
सीमा ने कहा- हाँ ..
मैंने कहाँ - ठीक है.. तो तैयार हो जा प्रैक्टिकल के लिए
मैंने उसके दोनों टांगो को अलग किया और चूत के छेद का मुआयना किया.. उसमे उंगली डाल कर उसे फैलाया फिर अपना लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा और और धीरे धीरे लंड को उसके चूत में घुसाना चालु कर दिया..
ज्यों ही मैंने लंड डाला वो चीख पड़ी- आ .......... यी........आह...... मर गयी
मैंने कहा - क्यों री.. चूत में बैगन डाल के मुठ मारती हो और लंड लेने में तुझे परेशानी हो रही है..
सीमा ने कहा - हाय राम, आपका लंड किसी बैगन से कम मोटा नहीं है.. और ये काफी सख्त भी तो है.. बैगन तो नरम होता है..
मैंने कहा - हाँ वो तो है.. लेकिन सख्त लंड से ही तुझे मज़ा आएगा.. तेरी झिल्ली फटी है कि नहीं अभी तक?
सीमा ने कहा -- नहीं....
मैंने कहा - फाड़ दूँ तेरी झिल्ली?
सीमा ने कहा - अब देर ना करो जीजू.. जो भी करना है जल्दी करो.. चूत में बहुत खुजली हो रही है......आह …..मेरे चूत में अपना इतना मोटा लंड डाल कर इतने सवाल कर कर के मुझे यूँ ना सताओ..
उसका चूत एकदम नया था.. मैंने धीरे धीरे अपने लंड को उसके चूत में धक्के मारना शुरू किया.. मेरा लंड उसके चूत के गहराई में गया तो उसकी झिल्ली फट गयी तो वो पूरी तरह चीख पड़ी- आ ..........ह......जी..............जू हाय राम......
मैंने कहा - क्या हुआ सीमा ?
सीमा ने दर्द भरे स्वर में कहा - कुछ नहीं जीजा जी .. तेरे लंड ने मेरी झिल्ली फाड़ डाली.. आह......कितना मज़ा है इस दर्द में.. ..
मैंने सीमा को उसके दर्द कि परवाह किये बगैर जोर जोर से चोदना चालू किया.. थोड़ी देर में ही उसे आनंद आने लगा.. अब वो आराम से बिना किसी शर्म के जोर जोर से बोलने लगी- आह जीजा जी.. हाय जीजाजी.. जरा धीरे धीरे चोदिये ना.. आय हाय कितना मज़ा आ रहा है.. आआअ ........ह्ह्ह्ह........ वो साली ही क्या जिसने अपने जीजा के मज़े ना लूटे हों..
सुन के मुझे उसके हिम्मत पर ख़ुशी हुई और आराम से उसके अंग अंग को देखते हुए चोदने लगा.. वो भी जोर जोर से चिल्लाने लगी- हाय......आआअह्ह्ह्ह.......... ओह्ह माँ , ओह जीजू, हाय रे आःह्ह्ह ................
मै उसकी नंगे बदन पर लेट कर उसकी चुदाई कर रहा था.. मैंने चुदाई करते समय मधु कि तरफ देखा तो वो भी काफी खुश लग रही थी..
मै उसे चोदता रहा.. थोड़ी देर में सीमा के चूत से पानी निकलने लगा.. मेरे लंड ने भी पानी छोड़ देने का सिग्नल दे दिया..
मैंने सीमा से कहा - बोल कहाँ गिरा दूँ माल?
वो बोली- मेरे मुह में..
मैंने अपने लंड को उसके चूत से निकाला और अभी उसके मुह में भी नही डाला था कि मेरे लंड ने माल छोड़ना चालु कर दिया.. इस वजह से मेरे लंड का आधा माल उसके मुह में और आधा माल उसके गाल और चूची पर गिर गया.. फिर भी वो प्यासी कुतिया की तरह मेरा लंड चूसती रही..
उसने मधु को अपनी चूची दिखाई और कहा - मधु ले माल को चाट.. मज़ा आएगा..
मधु ने बिना देर किये सीमा के चूची को चाटना शुरू कर दिया और उस पर गिरे मेरे माल को चाट चाट कर खा गयी..
मुझे काफी मज़ा आ रहा था.. लेकिन मैंने गौर किया कि मधु भी काफी अंगडाई ले रही थी.. इसका मतलब कि अब उसके चूत में भी खुजली हो रही थी..
मैंने सीमा को कहा - अब तेरी छोटी बहन की बारी है.. देख तो कैसा अकड़ रही है?
सीमा अपनी चूत को साफ़ करती हुई बोली- इसकी तड़प को रोकने का एक ही उपाय ये है कि इसे भी अभी चोद दीजिये.. ..क्यों री मधु ? चुदवायेगी ना? बहुत मज़ा आएगा..
मधु बोली- लेकिन दीदी , तू तो अभी करह रही थी लग रहा था कि तुझे काफी दर्द हो रहा था ..
सीमा - अरी पगली , वो दर्द नहीं ....मज़ा था री .. तू भी चुदवा के देख ना
मधु ने कहा - लेकिन दीदी तुने ही तो एक दिन कहा था कि चूत पर पहला हक पति का होता है ?
सीमा - धत पगली .... साली के चूत पर पहला हक तो जीजा का ही होता है न.. चल अब ये सब छोड़ .. और लेट जा .... देख जीजू अभी तुझे जन्नत की सैर करायेंगे ..
अब मैंने मधु को अपने नीचे लिटाया और उसकी चूची को छूने लगा.. मुझे पता था कि ये लड़की अभी गरम है.. इसे काबू में करना कोई मुश्किल काम नहीं है.. मै उसकी मस्त चूची को दबाने लगा.. वो कुछ नहीं बोल रही थी सिर्फ मुस्कुरा रही थी.. .. मैंने एक हाथ उसकी चूत पर हाथ ले गया.. ओह उसकी चूत तो पानी बहा रही थी , बिलकूल गीली थी.. मैंने अब कोई तकल्लुफ नहीं किया अब वो पूरी तरह से मेरी गिरफ्त में थी.. मै उसके होठों को बेतहाशा चूमने लगा.. अब वो भी मुझे जोरदार तरीके से मेरे होठों को चूमने लगी.. अब वो मेरा साथ देने लगी थी.. वो भी दीदी कि चुदाई देख कर मस्त हो चुकी थी.. उसकी चूची तो सीमा कि चूची से भी नरम थी.. आखिर उसकी चूत का भी मैंने उद्धार किया और और उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया.. लेकिन जैसे ही मैंने डाला वो चीखने लगी .. उसकी चूत का छेद अभी छोटा था ..
सीमा ने कहा - एक मिनट जीजू .... ये क्रीम इसकी चूत में डाल दीजिये ना .. तब चोदिये .. तब इसे दर्द नहीं होगा ..
मैंने मधु के चूत से अपना लंड निकाल लिया .. सीमा ने वेसलिन क्रीम को मधु की चूत पर अच्छी तरह से माला.. मधु चुप चाप अपने चूत पर वेसलिन लगवा रही थी ..
मैंने मधु की चूची को दबाते हुए कहा - सीमा , तुने तो अपनी चूत पर वेसलिन नहीं लगाया ..
सीमा ने कहा - मुझे तो मोटे बैगन अपने चूत में डालने की आदत है ना .. ये मधु की बच्ची तो सिर्फ मोमबत्ती ही डालती है अपनी प्यारी सी चूत में.. इसलिए आपका मोटा लंड इसे चुभ रहा है .. लेकिन अब नहीं चुभेगा .. मैंने वेसलिन डाल दिया है इसके चूत में अब आप इसके चूत में अपना लंड बेहिचक डालिए.. ..
मैंने फिर से मधु के चूत में अपना लंड धीरे धीरे डालना शुरू किया .. इस बार भी वो थोड़ी चीखी लेकिन जल्दी ही अपने आप पर काबू पा ली.. 4-5 शोट में ही उसकी भी झिल्ली फट गयी और उसके चूत से बलबला के खून निकलने लगा .. लेकिन मैंने लंड के धक्के से उसकी चुदाई जारी रखी.. थोड़ी देर में ही उसकी चूत भी खुल गयी.. वो भी अपनी दीदी कि तरह जोश में आ गयी थी.... उसने अपने दोनों हाथो से मेरी गर्दन को लपेट कर मेरे होठो को चूमने लगी.. उसकी जम कर चुदाई के बाद मेरे लंड से भरपूर माल निकला जो कि उसके चूत में ही समा गया..
मै अपना लंड उसके चूत से निकाल कर उसके बगल में लेट गया..
तब सीमा ने मधु की चूची को दबा कर बोली- क्यों बहना, मज़ा आया ना?
मधु ने कहा- हाँ दीदी.. एक बार फिर करो ना जीजू..
सीमा ने कहा- नहीं पहले मेरी चूत में भी रस डालिए तब मधु की बारी..
सीमा मेरे बगल में लेट कर अपने दोनों टांगो को आजु बाजू फैला कर अपनी चूत मेरे सामने पेश कर मुझे छोड़ने का न्योता देने लगी.. मेरा लंड अभी थका नही था.. मै तीसरी बार चूत छोड़ने के लिए तैयार था.. मै झट से उसकी टांगों को अपने कंधे पर रखा और एक ही झटके में अपना लंड उसके चूत में प्रवेश करा दिया..
सीमा - हाय राम.... जीजू कितना हरामी है रे तू.. धीरे धीरे डाल न....
मैंने कहा - देख कुतिया.... अभी मै तेरी कैसी चुदाई करूंगा कि इस जनम में दोबारा चुदाई का नाम ना लेगी तू..
मेरी बात सुन के सीमा ने हँसते हुए कहा - जा रे हिजड़े.... तेरे जैसे दस लंड को मै अपननी चूत में एक साथ डाल लूं तो भी मेरी चूत को कुछ नही होने वाला..
मैंने भी हँसते हुए कहा - तो ये ले...... सभाल इसे कह कर मैंने काफी जोर जोर से उसके चूत में अपना लंड आगे पीछे करने लगा.. पहले तो वो सिर्फ अपने होठो को दांत में दाब कर दर्द बर्दाश्त करती रही.. लेकिन थोड़ी देर में ही उसकी चीखे निकलने लगी.... वो हलके हलके स्वर में चिल्लाते हुए कहने लगी - हाय रे.... मादरचोद.... फाड़ डाला रे.... साले जीजू.... कुत्ता है तू...... एक नम्बर का रंडीबाज है.. आदमी का लंड है कि गधे का लंड.. साले कुछ तो रहम कर मेरी नाजुक चूत पर..
मुझे उसकी गालियाँ काफी प्यारी लग रही थी.. उसकी गालियाँ मेरा जोश बढ़ा रही थी.. मै जानता था कि उसे काफी मज़ा आ रहा है क्यों कि इतने दर्द होने के बावजूद वो अपनी चूत से मेरा लंड निकालने का प्रयास नही कर रही थी..

इस बार मैंने सीमा के चूत को घमासान तरीके से 20 मिनट तक चोदा.. 20 मिनट कि घमासान चुदाई के बाद मेरे लंड से लावा फुट पड़ा.. और सारा लावा उसके चूत में ही गिराया.. सीमा की हालत देखने लायक थी.. वो इतनी पस्त हो चुकी थी कि बिना कोई करवट लिए जैसे की तैसी लेटी लेटी ही सो गयी..


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