Do cousin Bhaiyon ke Sath Samuhik Chudai

Do cousin Bhaiyon ke Sath Samuhik Chudai

दोनो कज़िन भाई के साथ सामूहिक चुदाई

दोनो कज़िन भाई के साथ सामूहिक चुदाई,Do cousin Bhaiyon ke Sath Samuhik Chudai,bahin ki samuhik chudai,bahin ka bhaiyon ne gangbang kiya


हेलो फ्रेंड मैं साना शीक आपके लिए लेके आई हूँ मेरी हक़ीकत कहानी और ये मेरी पहली कहानी है| मुझे मेरी फ्रेंड ने सजेस्ट किया की मैं यहा मेरे लाइफ की सेक्स कहानी आपके साथ शेर करू|

बैसे मैं उत्तर प्रदेश की हूँ लेकिन मैं पुणे मे रहती हूँ| मेरी उम्र अभी 18 है और मेरा फिगर 34|28 36 है, रंग मिल्की वाइट| और मेरी दीदी का फिगर 36|30|40 है| आपका ज़्यादा वक्त ना लेते हुए मैं अपनी स्टोरी पर आती हूँ|

मेरे अब्बू अम्मी की दुबई मे डेत हुई थी तो उसके कारण मैं और दीदी बड़े अब्बू के साथ पुणे मे रहने आई थी| और मेरे बड़े भाई अरवाज दुबई मे ही रहते है|

बड़े अब्बू के 4 लड़के है और 2 नंबर अब्बू के 3 लड़के है और एक लड़की है उसका निकाह हो गया है| दीदी और मैं जब छोटी थी तबसे हम बड़े अब्बू के साथ रहती थी|

स्कूल के लिए सब खर्चा बड़े भैया दुबई से दे देते थे| हमारी जॉइंट फॅमिली है सो घर मे 5 बेडरूम है| मैं दीदी और बड़े अब्बू के दो बेटे हमारे रूम मे रहते थे| साथ मे खेलते थे, बहुत मस्ती भी करते थे एकदम फ्रॅंक्ली रहते थे| घूमने जाना हो तो सब साथ मे जाते थे|

ईवन वो हमारे सामने ही कपड़े चेंज करते थे| मैं और दीदी भी उनके सामने कपड़े चेंज करते थे| वो हमे नंगा देखना चाहते थे पर ये बात हमे पता नही थी|

वो खेल खेल मे हमरे बूब्स प्रेस करते थे| हमे भी उनका लंड पकड़ने बोलते थे| तो हम भी मज़े से खेलती थी उसके साथ| ऐसे हर रोज़ रात मे हमारी मस्ती चलती थी और मुझे भी बहुत मज़ा आता था|

पर एक दिन मे स्कूल से आई तब मुझे रूम से कुछ आवाज़ आ रही थी| मैने पहचान लिया की दीदी की आवाज़ है और साथ मे दोनो भाई भी थे| और घर मे कोई नही था बाकी भाई काम पे और 3 जान कल्ग गये थे| दोनो अम्मी डॉक्टर के पास गयी थी और अब्बू भी नमाज़ के लिए गये थे|

तो मैने सोचा ये लोग क्या कर रहे है देखती हूँ इसलिए मैने डोर नॉक नही किया डोर के होल से अंडर देखने लगी| जब अंडर का नज़ारा देखा तो मे शॉक्ड हो गयी|

दीदी घुटनो पे बैठ के दोनो का लंड चूस रही थी| फिर एक एक करके दोनो दीदी का सिर पकड़ के ज़ोर ज़ोर से दीदी के मूह मे चोद रहे थे| आधा घंटे के बाद दोनो दीदी के मूह मे ही झाड़ गये|

फिर थोड़ी देर बाद फिर दीदी को बेड पे लिटके एक उसकी चूत चाट रहा था और एक उसके मूह मे चोद रहा था| फिर एक ने दीदी के चूत मे लंड को रगड़ना चालू किया| दोनो का लंड 7 इंच का था| मैने सिर्फ़ उनका लंड चूसा था|

फिर दीरे धीरे भैया दीदी के चूत मे अपना लंड घुसा रहते थे दीदी भी आअहह अहहाअ अहह्ा आआहह्ा कर रही थी| फिर उसने अपना पूरा लंड दीदी के चूत मे घुसाया और दीदी के पेर अपने अंधे पे लेके दीदी को ज़ोर ज़ोर से चोदना चालू किया| दीदी भी ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी|

मुझे भी उनकी चुदाई देखने मज़ा रहा था| ज़िंदगी मे पहली बार किसी की चुदाई देख रही थी| मुझे तोड़ा दीदी पे शक था की ये इनके साथ पहले भी चुदाई कर चुकी थी| क्योंकि हम नाइट मे जब मस्ती करते थे तब भी वो दोनो दीदी को पूरा नंगी करके उसकी चूत भी चाटते थे|

अब 20 मिनिट्स के बाद भाई उसके बूब्स पे झाड़ गये| दीदी उनका माल हाथ से साफ कर रही थी और अपने मूह डाल के गटकने लगी| मुझे ये देख के अजीब सा लग रहा था की ये क्यू खा रही है|

फिर अरवाज भाई दीदी को की चूत मारने आए, उन्होने पोज़िशन चेंज करके डीदिको घोड़ी बनके दीदी की चूत मे लंड रगड़ने लगे| फिर दीदी गरम हो गयी थी और भाईजान का भी लंड एकदम कड़क सा हो गया था|

अब दीदी को भी रहा नही जा रहा था वो भी अपनी चूत को लंड पे सेट करने लगी| पर भाई उसे और तडपा रहे थे| फिर ऐसे ही दीदी को तड़पने के बाद दीदी की चूत मारना चालू किया|

तब तक दूसरे वाले का लंड भी खरा हो चुका था वो भी दीदी को ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे| ये देख कर मेरी भी चूत गीली हो चुकी थी| मैं भी अपनी चूत को सहला रही थी क्योनि आज तक मैने कभी किसी की चुदाई नही देखी|

ऐसे ही एक जान दीदी की चूत मे लंड डाल के चोद एआःा रहा और एक उसके मूह मे लंड डाल के चोद रहा था| दीदी दोनो के लंड एक साथ ले रही थी|

अब काफ़ी टाइम हो चुका था, इतने मे मैने नीचे देखा तो अब्बू की आवाज़ आई तब मे डर गयी| क्या करू समझ नही आ रहा था| क्योंकि चुदाई की आवाज़ पूरे घर मे गूँज रही थी|

तब मैने डोर नॉक किया और आवाज़ दी की अब्बू आए है| तब उसने फाटक से डोर ओपन किया और जब मैं अंडर गयी तब दीदी के फेस पर उनका स्पर्म गिरा हुआ था और तीनो ही नंगे ही थे|

अब मैने उनकी पूरी चुदाई देख ली थी, मुझे भी अब चुदाई का नशा सा चाड़ने लगा था| पर चुदाई के मज़े तो सिर्फ़ दीदी लेती थी, मुझसे बस चुस्वते थे|

लेकिन अब चुदने का भी मोका आ गया था और मेरी भी ख्वाइश पूरी होने वाली थी| मैं ये मोका जाने नही देना चाहती थी| उनका भी मुझे चोदने का दिल करता था लेकिन मैं छोटी थी ना इसलिए डरते थे| की कही अगर कुछ हो जाए तो इसलिए वो दीदी को ही चोदते थे|

मैं अंडर गयी तब दीदी को पूछा ये क्या चल रहा है?! तब दीदी बोली कुछ नही|| बस ऐसे ही खेल रहे थे हम लोग| वो भी डारी हुई थी|

तब मैं बोली की मैने सब देख लिया है अंडर क्या चल रहा था!

अब दोनो भाई भी डर गये, मैं उनको बोली की मैं जाके अब्बू को सब बता दूँगी आप दीदी के साथ क्या क्या करते हो! तब दीदी और वो दोनो गिड़गिदने लगे मेरे सामने| मुझे भी ये ही मोका चाहिए था|

Previous Post Next Post